नई दिल्ली: देश में एक के बाद एक हर चीज़ का दाम बढ़ रहा है. बैंकों से अपने पैसे निकालने, गैस सिलेंडर महंगे करने के बाद अब कार इंश्योरेंस भी सीधे डेढ़ गुना हो रहा है. देश में अब थर्ड पार्टी मोटर वीइकल इंश्योरेंस के लिए प्रीमियम बढ़ने जा रहा है.
इस की वजह है मोदी सरकार का एक फैसला. सरकार ने सड़क हादसों में गंभीर रूप से घायल या मौत होने की हालत में उत्तरदायित्व पर लागू सीमा का खत्म कर देना. ये सीमा इंश्योरेंस कंपनियों पर लागू होती थी.
इंश्योरेंस रेग्युलेटरी ऐंड डिवेलपमेंट अथॉरिटी (irda) ने 2017-18 में ज्यादातर कैटिगरीज के मोटर वाहनों के लिए करीब-करीब 50 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव रखा है.
वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस अनिवार्य है जबकि शारीरिक नुकसान के लिए इंश्योरेंस करवाना वैकल्पिक. कंप्रिहेंसिव इंश्योरेंस की पॉलिसी में ये दोनों बातें शामिल होती हैं और इसमें थर्ड पार्टी इंश्योरेंस का हिस्सा मुश्किल से 30 प्रतिशत होता है.
इरडा यानी IRDA ने मारुति ऑल्टो, टाटा नैनो और डैटसन गो के साथ-साथ पिक-अप वैन्स एवं मिनी ट्रक्स जैसी कुछ श्रेणियों के वाहनों के लिए थर्ड पार्टी इंश्योरेंस प्रीमियम में बढ़ोतरी का प्रस्ताव नहीं रखा है. लेकिन, इसने 1,000-1,500cc इंजन वाली कारों का प्रीमियम करीब 50 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव किया है.
सूत्रों ने बताया कि 25 से 30 प्रतिशत तक की वृद्धि तो हो जाएगी. माना जा रहा है कि इंश्योरेंस कंपनियां तब फिर से बढ़ोतरी की मांग उठा सकते हैं जब मोटर वाहन (संशोधन) बिल पास होगा. इस बिल में मोटर वीइकल क्लेम्स ट्राइब्यूनल की ओर से इंश्योरेंस कंपनियों को संपूर्ण मुआवजा राशि के भुगतान के आदेश वाले प्रावधान प्रस्तावित हैं.