नई दिल्ली: इस देश में भले ही ये दावा किया जा रहा हो कि भारत में अच्छे दिन आ गए हैं और भारत पिछले 70 साल में सबसे अच्छी हालत में है लेकिन संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी की रिपोर्ट कहती है कि मोदी के भारत में रहने वालों का हाल पाकिस्तान से भी ज्यादा बुरा है. पाकिस्तान के लोग भारत के लोगौं से कहीं ज्यादा खुश हैं. इस सूची में भारत का स्थान पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और कुछ अफ़्रीकी देशों से भी नीचे है.
सूची में भारत 122वें स्थान पर है जबकि पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल और भूटान क्रमशः 80वें, 110वें, 99वें और 97वें पर हैं.
इस साल जारी हुई दि वर्ल्ड हैप्पिनेस रिपोर्ट के मुताबिक़, इस सूची में नार्वे का पहला स्थान है. इस मामले में नार्वे अपने पड़ोसी देश डेनमार्क को पछाड़कर नंबर वन पर पहुंचा.
इस रिपोर्ट में वस्तुगत हालात का आकलन किया जाता है कि किसी देश के लोग कितने खुश हैं और क्यों.
नॉर्वे, डेनमार्क, आइसलैंड, स्विट्ज़रलैंड और फ़िनलैंड ने शीर्ष पांच में जगह बनाई है जबकि सेंट्रल अफ़्रीकी रिपब्लिक सबसे अंतिम पायदान पर है.
पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमरीका इस सूची में ऊपर हैं. अमरीका 14वें स्थान पर जबकि ब्रिटेन 19वें स्थान पर है.
हिंसाग्रस्त देशों को इस सूची में सबसे निचले पायदान पर जगह मिली है. 155 देशों में सीरिया 152वें स्थान पर, यमन और सूडान क्रमशः 146वें और 147वें स्थान पर हैं.
इस साल की रिपोर्ट में एक अध्याय अमरीका पर है जिसमें इस बात का विश्लेषण किया गया है कि आर्थिक हालात लगातार सुधरने के बावजूद यहां क्यों खुशी का स्तर गिर रहा है.
दि वर्ल्ड हैप्पिनेस रिपोर्ट को 20 मार्च को मनाये जाने वाले संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय हैप्पिनेस डे के अवसर पर जारी किया गया है.
इसके तहत हर साल 150 से अधिक देशों में, हर देश के क़रीब 1,000 लोगों से कुछ साधारण और वस्तुगत सवाल पूछे जाते हैं.
इसके अलावा प्रति व्यक्ति जीडीपी, सामाजिक कल्याण, औसत आयु, चुनने का अधिकार, उदारता और भ्रष्टाचार जैसे कारकों को भी सूची के निर्धारण में शामिल किया जाता है.