योगी राज में जात के आधार पर तबादले, आवाज़ उठाने वाला IPS अफसर सस्पेंड

लखनऊ : यूपी में योगी की सरकार बनते ही सारे अफसर नंबर बनाने में जुट गए हैं. नंबर बनाने के लिए काम से ज्यादा नाटक पर ध्यान है. सबसे ज्यादा पागलपन पुलिस में दिखाई दे रहा है. अफसर नंबर बनाने के लिए थानों में पुलिस वालों से झाड़ू पोछा लगवा रहे हैं तो कही उनकी नौकरियां खा रहे हैं. जाति देख देख कर तबादले और निलंबन चल रहे हैं. आंख बंद करके कर्मचारियों को लाइन हाजिर किया जा रहा है. आईपीएस लॉबी ज्यादा से ज्यादा यादवों के तबादले और निलंबन के ज़रिए नंबर बनाने में जुटी है. हाल ही में उत्तर प्रदेश के आईपीएस ऑफिसर हिमांशु कुमार ने खुल्लम खुल्ला इस सच को जाहिर कर दिया. बस फिर क्या होना था अधिकारी को तुरंत निलंबित कर दिया गया.

तीन दिन पहले हिमांशु कुमार ने ट्विट करके दावा किया था कि योगी सरकार बनने के बाद यूपी में यादव सरनेम वाले पुलिसकर्मियों के तबादले की होड़ लग गई है. अब कार्रवाई के बाद भी उन्होंने ट्वीट किया है और लिखा है कि ‘सत्य की जीत होती है.’

लखनऊ में पुलिस मुख्यालय में तैनात आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार ने ट्विट करके लिखा था कि योगी सरकार बनते ही ‘यादव सरनेम वाले पुलिसकर्मियों को सस्पेंड या रिजर्व लाइन में भेजने की होड़ लग गई है.’ हालांकि विवाद के बाद आईपीएस ने ट्वीट हटा दिया था. लेकिन, इस ट्वीट के बाद विभाग में हड़कंप मच गया था.

आईपीएस अधिकारी हिमांशु कुमार के ट्वीट के बाद समाजवादी पार्टी ने इस पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया दी थी. सपा नेता उदयवीर सिंह ने कहा था कि उनका मानना है कि सरकार संविधान से चलती है, कानून से चलती है. कानून का राज होना चाहिए. सरकार और अधिकारी दोनों को कानून का निष्ठवान होना चाहिए.

इसके साथ ही सपा नेता ने कहा था कि अगर ये आरोप सच है और सरकार कानून के दायरे में काम नहीं कर रही है और अन्याय कर रही है तो लोकतंत्र में वो इस मुद्दो को उचित फोरम पर उठाएंगे और इसका राजनीतिक जवाब देंगे.