जबलपुर: सेना की ऑर्डिनेंस फैक्ट्री खमरिया में शनिवार शाम करीब छह बजे एक के बाद एक 200 से ज्यादा बम फट गए. इससे आसपास का पूरा क्षेत्र दहल गया. आग की लपटें डेढ़ से दो किलोमीटर दूर से दिखाई दे रही थीं.
निर्माणी के एफ-3 सेक्शन में यह घटना वॉर वैगन में 125 एमएम (एंटी टैंक एम्युनेशन) बमों की लोडिंग करते समय हुई. बमों के फटते ही कर्मचारियों में भगदड़ मच गई. धमाकों के तुरंत बाद फैक्ट्री के सभी गेट बंद कर दिए गए.
इससे शाम की शिफ्ट के करीब डेढ़ सौ कर्मचारी अंदर ही फंस गए. एफ-3 सेक्शन की बिजली सप्लाई भी बंद कर दी गई है, ताकि शार्ट सर्किट से कहीं और बमों में विस्फोट न हो.
धमाकों की आवाज सुनकर कर्मचारियों के परिजन और कर्मचारी नेताओं की भीड़ खमरिया के गेट नं.1, 3 के सामने लग गई. हर मिनट में दो से तीन बम धमाकों की आवाज गूंज रही थी. ऑर्डिनेंस फैक्ट्रीकी फायर ब्रिगेड ने मौके पर आग बुझाना शुरू कर दिया था.
वहीं नगर निगम, जीसीएफ और व्हीकल फैक्टरी की फायर ब्रिगेड भी आग बुझाने में लगी हुई हैं. घटना की जानकारी मिलते ही कलेक्टर और एसपी सहित पुलिस-प्रशासन का अमला भी मौके पर पहुंच गया है.
खमरिया में होने वाले धमाकों की आवाज सुनकर रांझी, मानेगांव, रिठौरी, बिलपुरा, चंपानगर, पिपरिया आदि क्षेत्र में दहशत फैल गई. दहशत के कारण लोग घरों को छोड़कर सुरक्षित स्थानों के लिए शहर की तरफ भागे.
आग की लपटें देखकर ईस्टलैंड, वेस्टलैंड और आसपास के गांवों में बसे कर्मचारियों के परिवार के लोग भागकर खमरिया फैक्ट्री पहुंच रहे हैं. वहीं घटना के बाद निर्माणी के अधिकारियों ने फोन पर बात करना तक बंद कर दिया है.
कर्मचारी नेता बताते हैं कि एफ-3 सेक्शन में बमों की फिलिंग (खोल में बारूद भरना) का काम होता है. इसके बाद बमों को पास की बिल्डिंग नंबर 324 में स्टोर करके रखा जाता है. इस बिल्डिंग में करीब 12 हजार 500 से ज्यादा बम स्टोर हैं.
एक बम गिरने से वह फट गया और इसके बाद एक के बाद एक लगातार बमों में धमाके होते रहे. वहीं कुछ कर्मचारियों का कहना है कि गर्मी बढ़ने की वजह से भी बम फट सकते हैं. हालांकि, कारणों का खुलासा विस्तृृत जांच के बाद ही होगा. courtsey -naidunia
2017-03-25