नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा मोटर वाहन (संशोधन) विधेयक-2016 में कई और संशोधनों को मंजूरी देने के बाद अब यह अधिनियम और भी कठोर बन गया है. नए अधिनियम के मुताबिक नशे में ड्राइविंग करने वालों पर पहले से पांच गुना ज्यादा 10,000 रुपये का जुर्माना बसूला जाएगा. टीनएजर्स को गाड़ी देने पर परिवार के लोगों को तीन साल की कैद और सरकारी कर्मचारियों को 10 गुना जुर्माना देने का भी प्रावधान इस नियम में किया गया है.
यदि नशे में ड्राइविंग करते हुए किसी की मौत होती है तो ड्राइवर को 10 साल तक की जेल की सजा का प्रावधान है. साथ ही गैर-जमानती अपराध के तहत ओरोपी को बुक किया जाएगा. गौरतलब है कि मोटर वाहन अधिनियम 1989 करीब 30 साल पुराना कानून है. अब विधेयक के जरिये इस कानून में कई अहम बदलावों का प्रस्ताव किया गया.
विधेयक के जरिये इस कानून में कई अहम् बदलावों का प्रस्ताव किया गया है जिससे इस ड्राइविंग के नियमों को तोड़ने वालों की खैर नहीं होगी.
आइए जानते हैं कुछ अहम प्रस्तावों के बारे में-
किशोर को कार सौंपने वाले कार मालिकों के वाहन का पंजीकरण रद्द कर दिया जाएगा. यदि किशोर द्वारा कार चलाते समय कोई दुर्घटना होती है तो किशोर के परिवार को 25,000 रुपये तक जुर्माना या तीन साल की जेल व दोनों हो सकते हैं.
शराब पीकर गाड़ी चलाने पर 2 हजार की जगह 10 हजार रुपये का जुर्माना देना होगा.
हेलमेट न लगाने पर 2500 रुपये व लाल बत्ती तोड़ने पर 1000 रुपये जुर्माना देना होगा साथ ही तीन महीनों के लिए लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है.
सीट बेल्ट न लगाने पर 1000 रुपये और वाहन चलाते हुए मोबाइल पर बात करने पर 5,000 रुपये जुर्माना होगा. लाइसेंस भी रद्द हो सकता है.
हिट और रन के मामले में मौत होने पर मुआवजा 2 लाख रुपये और चोट लगने पर 50,000 रुपये का मुआवजा देना होगा.
सरकारी कर्मचारियों के नियम तोड़ने पर 2 गुना जुर्माना भरना होगा.