मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार मुश्किलों में पड़ सकती है. आम आदमी पार्टी ने राज्य के 118 विधायकों पर आरोप लगाया है कि वे लाभ के पद पर पदस्थ हैं. शिकायत के अनुसार 116 विधायक राज्य भर के कॉलेजों के जनभागीदारी समिति के सदस्य हैं. मामला उसी आम आदमी पार्टी ने उठाया है जिसके खुद 21 विधायक खथरे में हैं
आम आदमी पार्टी के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को राज्यपाल राम नरेश यादव से मिलकर 118 विधायकों की सदस्यता रद्द करने की मांग की. प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल को विधायकों की सूची भी सौंपी.
आप नेताओं ने राज्यपाल के समक्ष भारतीय संविधान के अनुच्छेद 191(1)(क) अनुच्छेद 192 और लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के तहत लिखित में शिकायत दर्ज कराई. 116 के अलावा दो मंत्री पारस जैन और दीपक जोशी भी भारत स्काउट गाइड में पदाधिकार है जो लाभ के पद के दायरे में आते हैं.
आप के नेताओं ने कहा कि अगर ये विधायक अयोग्य ठहराए जाते हैं तो शिवराज सरकार खतरे में आ जाएगी और ऐसे में राज्यपाल को उनसे इस्तीफा मांगना चाहिए.
दिल्ली में राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने आम आदमी पार्टी के उस विधेयक को नामंजूर कर दिया था, जिसमें 21विधायकों को लाभ के पद के दायरे से बाहर रखने का प्रावधान था. चुनाव आयोग 14 जुलाई को इस मसले पर सुनवाई करेगा.