लखनऊ: सीएम बनने के महीने भर के भीतर ही सीएम योगी आदित्यनाथ ने दलितों को बड़ा झटका दिया है. उत्तर प्रदेश के निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों से आरक्षण समाप्त कर दिया है. इससे मेडिकल कॉलेज के संचालक बेहद खुश हैं क्योंकि उनकी आमदनी सीधे सीधे बढ़ने जा रही है. गौरतलब है कि अखिलेश सरकार में निजी मेडिकल और डेंटल कॉलेजों में आरक्षण की व्यवस्था शुरू की गई थी. मुलायम सिंह यादव ने 2006 में पहली बार मेडिकल कॉलेज में एडमिशन को लेकर रिजर्वेशन लागू किया था. अखिलेश ने उसे प्राइवेट कॉलेजों पर भी लागू कर दिया.
योगी सरकार ने प्राइवेट मेडिकल व डेंटल कॉलेजों में पीजी सीटों की फीस तय कर दी हैं. पहली बार क्लीनिकल व नॉनक्लीनिकल पाठ्यक्रमों की अलग-अलग फीस निर्धारित की गई है. एमडी नॉनक्लीनिकल पाठ्यक्रमों की फीस 8.85 लाख से लेकर 11.14 लाख के बीच तय की गई है.
जबकि एमडी व एमएस क्लीनिकल कोर्स की फीस 15.94 लाख से लेकर 20.70 लाख के बीच होगी. एमडीएस की फीस 4.91 लाख से लेकर 8.05 लाख के बीच निर्धारित की गई है.
अपर मुख्य सचिव चिकित्सा शिक्षा डॉ. अनिता भटनागर जैन ने बताया कि प्राइवेट मेडिकल व डेंटल कॉलेज जिनके यहां पीजी कोर्स चलते हैं उनकी फीस निर्धारित करने के लिए फीस कमेटी की छह बैठकें हो चुकी हैं. पहली बार प्रदेश सरकार ने पीजी कोर्स की फीस तय की है. फीस कमेटी ने कॉलेजवार फीस तय की है.
शुक्रवार को इसके औपचारिक आदेश भी जारी कर दिए गए. अपर मुख्य सचिव ने साफ कहा कि जो संस्थान इस आदेश को नहीं मानेगा उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.