नई दिल्ली: मौत को मात देकर दोबारा जीवन जीने वाले सीआरपीएफ के जवान चेतन कुमार चीता कश्मीर के हालात से परेशान हैं. चेतन का कहना है कि वह कश्मीर को मिस कर रहे हैं, इस समय वह वहां पर होना चाहते हैं. वहां पर मेरी जरूरत है.
आज तक से खास बातचीत करते हुए चेतन कुमार चीता ने कहा कि वह कोबरा टीम का हिस्सा बनना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि इतनी सारी गोलियां खाने का बाद भी मैं यहां आपके सामने बैठा हूं, पर अभी भी लगता है कि मेरा कोई काम अधूरा है. यह इसलिये है कि मैं कुछ खास ही हूं.
बताते चलें कि 14 फरवरी को बांदीपुरा में आतंकियों के साथ मुठभेड़ में चीता घायल हो गए थे. इस मुठभेड़ में 3 जवानों की मौत हो गई थी. इलाके में आतंकियों की मौजूदगी की खबर के बाद सुरक्षा बलों ने सर्च अभियान चलाया था, लेकिन इसकी जानकारी आतंकियों को पहले ही मिल गई थी. उन्होंने ठिकाना बदल लिया. चेतन ऑपरेशन का नेतृत्व कर रहे थे. आतंकियों से मुठभेड़ के दौरान चीता पर 30 गोलियां दागी गईं, जिनमें 9 गोलियां लगी थीं.
घायल हालत में चीता को पहले श्रीनगर के आर्मी अस्पताल ले जाया गया था, जहां उनकी ब्लीडिंग रोकने के लिए दवाइयां दी गईं. हालांकि जख्म की गंभीरता को देखते हुए उन्हें एयर ऐंबुलेंस के जरिए एम्स ले जाने का फैसला किया गया. एम्स में पहले से ही तैयार डॉक्टरों की टीम ने कमांडेंट चेतन चीता का इलाज किया. विशेषज्ञों की एक टीम ने ऐंटीबायॉटिक थेरपी के जरिए उनकी देखरेख की थी. दो महीने के इलाज के बाद उनकी स्थिति ठीक हुई है.