नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में सैरभ भारद्वाज के डेमो के बाद चुनाव आयोग का विश्वास हिल गया है या कहें कि वो डर गया है. चुनाव आयोग ने अपना हैकाथॉन का इरादा वापस ले लिया है. इससे पहले चुनाव आयोग का इरादा सभी दलों और दुनिया भर के हैकरों को ईवीएम हैक करके दिखाने की चुनौती देने का था. लेकिन कल की सर्वदलीय बैठक में वो मुकर गया.
जानकारों के मुताबिक कई वजहें थी जिन्होंने चुनाव आयोग को मुकरने को मजबूर किया. आपको बताते हैं कि चुनाव आयोग ने हैकाथॉन से इनकार क्यों किया.
1. हैक करने के लिए चुनाव आयोग को मशीन का सॉफ्टवेयर मुहैया कराना होगा. अभी तक खुद आयोग को ही नहीं पता कि मशीन के अंदर की कंप्यूटर प्रोग्रामिंग में क्या है.
2. ईवीएम की के प्रोग्राम की स्क्रिप्ट केवल विदेशी कंपनियों के पास है. अब अगर स्क्रिप्ट मांगी जाती है तो चुनाव आयोग की गंभीर चूक मांगी जाएगी.
4. अगर स्क्रिप्ट में कोई गलत प्रोग्रामिंग सामने आती है तो हालात बेकाबू हो जाएंगे. जाहिर बात है चुनाव आयोग फजीहत मोल लेना नहीं चाहता.
5. सौरभ भारद्वाज का डेमो- डेमो में इस्तेमाल की गई मशीन एक प्रोटोटाइप थी, लेकिन उस मशीन के अंदर लगे सर्किट बोर्ड की शक्ल दिखाई नहीं दे रही थी. ईवीएम के अंदर लगे सर्किट बोर्ड की शक्ल भी आप नहीं देख सकते. यानी सीलबंद डिब्बे का सामान बदल दिया जाए तो किसी को पता नहीं चल सकता.
6. गुजरात का फर्जी ईवीएम कांड: 2010 में गुजरात के लोकल चुनाव में एक ऐसी ईवीएम मिली जो फर्जी थी. चुनाव आयोग ने कहा कि ये मशीन हमने नहीं बनाई है. ये हमारी मशीन नहीं है. ये रिकॉर्ड पर है कि चुनाव आयोग 7 साल पहले भी भारत में नकली मशीनों के इस्तेमाल की पुष्टि कर चुका है.
7. चुनाव आयोग की ईवीएम की सुरक्षा सिर्फ चार स्क्रू और एक कागज़ की सील पर टिकी होती है. ट्रांसपोर्ट के दौरान ये मशीन ईवीएम लोहे के संदूकों में एक से दूसरी जगह ले जाई जाती है. ऐसे में इसे कोई भी हैक कर सकता है
इसी वजह से निर्वाचन आयोग ने सीधे घोषणा कर दी कि ईवीएम सेफ हैं. आयोग ने ये कहकर खुद को बचा भी लिया कि भविष्य में होने वाले सभी चुनावों में वोटर-वेरिफाएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनों का इस्तेमाल किया जाएगा. हैकाथॉन की बात को चुनाव आयोग ने घुमा दिया कहा कि पार्टियां ये साबित करें कि यूपी और अन्य राज्यों में मशीन हैक हुई.
सात घंटे तक चली बैठक में सात राष्ट्रीय पार्टियों तथा 35 क्षेत्रीय पार्टियों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा कि आयोग ने सभी पार्टियों के विचारों को ध्यान से सुना है और आश्वस्त करता है कि उनकी शंकाओं पर विचार किया जाएगा.
बैठक के दौरान दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने आयोग से मांग की कि उसे पांच राज्यों में हालिया विधानसभा चुनाव में इस्तेमाल में लाए गए ईवीएम दिए जाएं, ताकि वह अपनी बात साबित कर सके. दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने हैकथॉन की मांग करते हुए कहा, “हमें ईवीएम मुहैया कराइए, हम दिखा देंगे कि उसे कैसे हैक किया जा सकता है. हम यह विधानसभा में दिखा चुके हैं.”