नई दिल्ली: परेश रावल के अरुंधति राय पर ट्वीट से कई सवाल एक साथ खड़े हो गए हैं. इन सवालों से इस पूरे विवाद के पीछे की नीयत पर भी सवाल उठ रहे हैं. जानकारों का अनुमान है कि परेश रावल जानबूझकर मोदी समर्थकों को भड़का रहे हैं ताकि फायदा उठाया जा सके. ये सवाल काफी अहम भी हैं. आपको बताते हैं क्या हैं वो सवाल ?
आखिर कश्मीर में मानवाधिकारवादियों की लंबी लिस्ट है . परेश रावल ने अरुंधति रॉय का ही नाम क्यों लिया?
क्या इसके पीछे अरुंधति रॉय की नई किताब द मिनिस्ट्री ऑफ अटमोस्ट हैप्पीनैस की भूमिका है. क्या परेश ने अरुंधति को खबरों में बनाए रखने के लिए ये ट्वीट किया.
क्या पाकिस्तान में फैल रही अफवाह का भी इससे लेना देना है? कुछ पाकिस्तानी चैनलों पर यह ख़बर आई कि अरुंधती राय कश्मीरी युवक को जीप पर बांधने की घटना के बाद कश्मीर गई थीं और पाकिस्तान समर्थक बयान दिया.
क्या पाकिस्तान में भी किताब को प्रसिद्ध बनाने के लिए ये खबर फैलाई जा रही है?
अरुंधति ने परेश के बयान पर कोई तल्ख प्रतिक्रिया क्यों नहीं दी? उन्होंने परेश के खिलाफ हमला ही नहीं किया जबकि इस ट्वीट के बात तीखी प्रतिक्रिया की उम्मीद थी.