नई दिल्ली: जैसे नोटबंदी में आपके सारे पुराने नोट कागज़ हो गए वैसे ही जीएसटी आने के बाद व्यारियों का पूरा स्टॉक मिट्टी कूड़ा या कचरा बन सकता है. मोदी और जेटली सरकार ने जीसटी कानून में देश भर के व्यापारियों को 60 दिन का समय दिया है जिसमें व्यापारियों को अपना पूरा स्टॉक ठिकाने लगाना होगा. अगर वो 60 दिन में अपना सामान नहीं बेच पाते तो सारा सामान कचरा हो जाएगा. इतना ही नहीं सरकार को इसकी जानकारी भी देनी होगी. वो भी ऑन लाइन पोर्टल पर.
पोर्टल पर अधिकतम एक साल पुराने माल की जानकारी दी जा सकती है. इसके लिए भी व्यापारियों को सिर्फ छह महीने का समय दिया जाएगा. इस अवधि में माल की जानकारी नहीं देने पर मौजूद माल पुराने 500 और 1000 के नोट की तरह बेकार हो जाएंगे. एक जुलाई से जीएसटी लागू हो रहा है. जीएसटी लागू होने के बाद व्यापारियों को बचे स्टॉक की जानकारी 60 दिनों के भीतर देनी होगी. मौजूद माल की जानकारी 30 अगस्त तक पोर्टल पर देनी होगी.
जीएसटी के कई प्रावधान को लेकर व्यवसायी चिंतित भी नजर आ रहे हैं. जीएसटी के एक प्रावधान ने व्यवसायियों की परेशानी बढ़ा दी है कि यदि किसी व्यापारी के पास सामान का पुराना स्टाक रखा है तो नियमानुसार उसे 60 दिनों के अंदर खपाना होगा तथा इसकी जानकारी पोर्टल पर देनी होगी.
अगर माल साल भर पुराना है तो इसकी भी जानकारी दी जा सकती है. लेकिन इसके लिए छह महीने का समय निर्धारित किया गया है. व्यापारी यदि जानकारी देने में लापरवाही बरतेंगे तो गोदामों में रखे पुराने सामान 500 और 1000 के पुराने नोटों की तरह हाे जाएंगे. अब जीएसटी लागू होने में कुछ ही समय बाकी है. जिससे व्यापारियों की चिंता और बढ़ गई है.
टैक्स चोरी की सूचना मिलने पर यह कार्रवाई की जाएगी. जांच करने वाले अधिकारी को 24 घंटे के भीतर इसकी रिपोर्ट विभाग में देनी होगी. वहीं अगर अधिकारी वाहन को आधा घंटे से ज्यादा देर के लिए रोकते हैं, तो इसकी सूचना जीएसटीएन सर्वर पर दे सकता है. इस सूचना को अपलोड करने के लिए निर्धारित फार्म का इस्तेमाल करना होगा.
इन ई-वे बिल में खुद जांच करने की व्यवस्था भी होगी जहां पंजीकृत सप्लायर को पहले ही सरकार को परिवहन किए जा रहे सामान की लोकेशन बतानी होगी. व्यापारी को ई-वे बिल के लिए रजिस्ट्रेशन कराते वक्त सामान भेजने और पाने वाले का नाम व पता देना होगा. इसके अलावा उसे माल का ब्यौरा, उसकी
वस्तु एवं सेवाकर जीएसटी को इसी साल पहली जुलाई से लागू किया जा रहा है.
केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड सीबीईसी ने इस संबंध में नियम जारी किए हैं. इसमें कहा गया है कि 50 हजार रुपए से ज्यादा की बिक्री उसको एक से दूसरी जगह ले जाने से पहले कारोबारियों को इलेक्ट्रानिक वे यानी ई-वे बिल के लिए रजिस्ट्रेशन कराना होगा. जीएसटी नेटवर्क जीएसटीएन वेबसाइट पर पंजीकरण के बिना राज्य के भीतर और बाहर सामान ले जाने पर रोक रहेगी. जीएसटीएन पर ई-वे बिल एक से लेकर 15 दिनों के लिए मिलेगा.
जीएसटी लागू होने के पहले व्यापारियों को पुराना माल खपाना होगा और यदि स्टॉक बचा होगा तो उसके लिए 60 दिन का समय दिया जाएगा. सामान की जानकारी पोर्टल पर भी देनी होगी.