जयपुर: देश में वाट्सएप यूनिवर्सिटी ऑफ एज्युकेशन जब से शुरू हुई है तबसे नागपुरिया और गोरखपुरिया ज्ञान राष्ट्रीय ज्ञान बन गया है. न्यूटन से लेकर डार्बिन तक सब बेकार हो गए हैं और ज्ञान की गंगा कल्याम जैसी पत्रिकाओं से बहने लगी है.
- “मोर राष्ट्रीय पक्षी क्यों है? वह ब्रह्मचारी रहता है.
- उसके आंसुओं से ही मोरनी गर्भवती होती है.
- मोर पंख भगवान कृष्ण ने इसलिए ही लगाया, क्योंकि वह ब्रह्मचारी है.
- मंदिरों में भी इसीलिए मोर पंख लगाया जाता है, संत भी इसे रखते हैं.
- ठीक इसी तरह गाय के अंदर भी इतने गुण हैं कि उसे राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाना चाहिए.”
- जस्टिस शर्मा ने कहा कि वह शिवभक्त हैं, यह फैसला उनकी आत्मा की आवाज है. उन्होंने अपने फैसले में गाय के कई फायदे भी गिनाए.
- उन्होंने कहा, “मान्यता है कि गाय में 33 करोड़ देवी-देवता रहते हैं. गाय समुद्र मंथन में लक्ष्मी के साथ निकली थी.”
- “सिर्फ गाय सांस में ऑक्सीजन लेती है और छोड़ती भी ऑक्सीजन ही है.
- यह खुद में अस्पताल है. गोबर सालाना 45 सौ लीटर बायोगैस पैदा करता है.
- हर गोवंश का गोबर लगाएं तो 14 करोड़ पेड़ बचेंगे.”
- “गोमूत्र से लिवर, दिल और दिमाग स्वस्थ रहते हैं.
- गोमूत्र पीने से पाप धुल जाते हैं.
- दीवारों पर गोबर का लेप रेडिएशन से बचाता है.”
- “गाय का दूध पीने से कैंसर नहीं होता.
- गाय के रंभाने से हवा में मौजूद रोगाणु खत्म होते हैं.”
- गायों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी, इसे कानूनी दर्जा दिलाएं
- गायों की सुरक्षा सरकार की जिम्मेदारी है.
- उन्होंने कहा, “नेपाल हिंदू राष्ट्र है. उसने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया है.
- भारत एग्रीकल्चर और एनिमल हसबैंडरी पर डिपेंड है.
- कॉन्स्टिट्यूशन के आर्टिकल 48 और 51ए के तहत उम्मीद की जाती है कि सरकार गाय को कानूनी दर्जा दिलवाएगी.”