दिल्ली में केजरीवाल को ऐसे करते हैं परेशान, 2 मिनट के काम के लिए बाबुओं ने मांगा 1 महीना

नई दिल्ली: दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार को शिकायतें करने के कारण लोग बड़ा बुरा भला कहते हैं बल्कि उनकी इमेज ऐसी सरकार की बनाने की कोशिश की जा रही है जो हो हल्ला ज्यादा करती है लेकिन काम करना नहीं चाहती. लेकिन ज़मीनी हकीकत पर गौर करें तो लगेगा कि केजरीवाल के हाथ पैस जकड़देने के लिए जो भी संभव है वो किया जा रहा है. ताजा मामला मनीष सिसोदिया के फेसबुक लाइव का है.

डिप्टी सीएम सिसोदिया ने जीएसटी पर आम लोगों और कारोबारियों के साथ 2 जून को फेसबुक लाइव करने की योजना बनायी. इस बाबत एक चिट्ठी सूचना और प्रचार निदेशालय को लिखी गयी. निदेशालय के सचिव ने अपने हिसाब से टास्क की पैमाइश की और जवाब भेज दिया. जवाबी चिट्ठी में बताया गया कि इसके लिए ग्लोबल टेंडर देने पड़ेंगे – और उसमें एक महीने का वक्त लग जाएगा.

जवाब देख कर सिसोदिया को बड़ी हैरानी हुई. फिर उन्होंने मुख्य सचिव को लिख कर घटना की जानकारी दी. सिसोदिया चाहते थे कि जीएसटी काउंसिल की 3 जून की बैठक से पहले ये कार्यक्रम हो जाये. अब ये इवेंट 5 जून को होना है – और सिसोदिया ने बड़े बाबू से कहा है कि अगर इसमें बाबूगीरी आड़े आये तो ऐसे अफसरों की छुट्टी कर दी जाएगी.

विज्ञापनों को लेकर आम आदमी पार्टी की सरकार पहले से ही सवालों के घेरे में है. टॉक-टू-केजरीवाल कार्यक्रम को लेकर भी विवाद हुआ था. शूंगलू कमेटी की रिपोर्ट में सरकार के कामकाज के तरीके पर भी सवाल उठे – और उप राज्यपाल ने कई तरह के एक्शन लिये. उस मामले में भी केजरीवाल को ऐसी ही प्रक्रियाओं में बांधने की कोशिश हुई. उन्होंने इनकार कर दिया.

वैसे आम आदमी पार्टी के फेसबुक पेज को 3,056,786 लोग लाइक करते हैं. उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के फेसबुक पेज पर भी 845,779 लोगों ने लाइक किया हुआ है. यही नहीं ट्विटर पर भी सिसोदिया 1,028,852 फॉलोवर हैं.

सिसोदिया चाहें तो लोगों से संवाद के लिए इनमें से किसी भी प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर सकते हैं. ट्विटर पर भी पेरिस्कोप के जरिये लाइव किया जा सकता है जिसे दुनिया भर में बहुत सारे लोग इस्तेमाल करते हैं. केजरीवाल और सिसोदिया दोनों ही ट्विटर का खूब इस्तेमाल करते हैं. सवाल ये है कि जब किसी भी मोबाइल से फेसबुक लाइव संभव हो तो उसके लिए ग्लोबल टेंडर की जरूरत क्या है? अगर फेसबुक लाइव का अलग अलग माध्यमों से प्रचार करना हो तो अलग बात है.