कतर ने शुरू की प्रतिबंध को जवाब देने की तैयारी, हवाई जहाज से आ जा रही हैं गाय

दोहा :  कोई कितना भी ज़ोर क्यों न लगा ले कतर के पर कतरना आसान नहीं है. खाड़ी देशों के प्रतिबंध के खिलाफ कतर के लोग उठ खड़े हुए हैं. बैन के बाद दिक्कत न हो इसलिए वहां के लोक मजबूती से इंतजाम में लग गए हैं. सबसे रोचक तरीक है एक कारोबारी की ये पहल. कारोबारी ने 4,000 गायों को हवाई जहाज की मदद से अपने देश तक में एयरलिफ्ट कराया है. . ब्लूमबर्ग की एक खबर के मुताबिक, इन गायों का आयात करने का मकसद कतर के अंदर ताजे दूध की कमी पूरी न होने देना है. मालूम हो कि प्रति व्यक्ति आय के हिसाब से कतर दुनिया का सबसे अमीर देश है. कतर के पास प्राकृतिक गैस का बहुत विशाल भंडार है.

 

आपको याद होगा कि हाल ही में सऊदी अरब, UAE, मिस्र और बहरीन ने कतर पर आतंकवाद को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए उसके साथ सभी आर्थिक व कूटनीतिक संबंध तोड़ लिए थे. इन देशों ने अपने हवाई मार्ग को भी कतर के लिए बंद कर दिया है. कतर अनाज और दूध जैसी अपनी कई घरेलू जरूरतों के लिए बहुत हद तक सऊदी पर निर्भर था.

 

अब चूंकि सऊदी ने उसके साथ सभी व्यापारिक रिश्ते भी खत्म कर लिए हैं, तो कतर में ताजे दूध का संकट पैदा हो गया है. इससे निपटने और सऊदी के बैन का जवाब देने के लिए कतर के व्यापारी मोताज अल खयात ने 4,000 गायों को एयरलिफ्ट कर दोहा ले जाने का फैसला किया है. मोताज पावर इंटरनैशनल होल्डिंग के अध्यक्ष हैं. गायों को लाने के लिए कतर एयरवेज़ को कम से कम 60 बार उड़ान भरनी होगी.

 

एक स्वस्थ वयस्क गाय का वजन तकरीबन 590 किलो के करीब है. इन गायों को ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका में खरीदा गया है. गायों को एयरलिफ्ट कराने के अपने निर्णय पर बात करते हुए मोताज ने बताया, ‘अब मौका आ गया है कि मैं अपने देश कतर के लिए कुछ करूं.’ गायों को कतर लाने के बाद उन्हें रखने और उनकी देखरेख संबंधी सारी जरूरतों पर काम पूरा हो चुका है. मोताज ने बताया कि जून के अंत तक यहां ताजे दूध का उत्पादन शुरू हो जाएगा. अनुमान है कि जुलाई के मध्य तक दूध की घरेलू मांग का एक तिहाई हिस्सा घरेलू उत्पादन से पूरा कर लिया जाएगा.

 

इस बैन से पहले भी कतर सरकार खाद्यान्न के लिए आयात पर निर्भरता को खत्म करने की रणनीति पर काम कर रही थी. सरकार 2030 तक खाद्यान्न संबंधी जरूरतों के लिए आत्मनिर्भर होने की योजना पर काम कर रही है.

 

कतर के लोग सऊदी व साथी देशों द्वारा लगाए गए बैन को चुनौती के तौर पर ले रहे हैं. मोताज का कहना है कि गायों को एयरलिफ्ट कराने का फैसला भी कतर की ओर से सऊदी को दिया गया जवाब है. 2022 में यहां फुटबॉल का विश्वकप होने जा रहा है.

 

इसके लिए कतर सरकार हर हफ्ते करीब 32 अरब रुपये खर्च कर रही है. कतर अब खाद्यान्न का आयात करने के नए व्यापारिक मार्गों की तलाश कर रहा है. खाद्यान्न संकट से निपटने के लिए कतर ने ईरान से फल और सब्जियों का आयात शुरू कर दिया है. साथ ही, तुर्की से डेयरी पदार्थ मंगवाए जा रहे हैं. कतर में लोग सऊदी के फैसले के खिलाफ एकजुट होते हुए स्थानीय उत्पादों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने की मुहिम चला रहे हैं.