नई दिल्ली : अगर आपको आने वाले सालों में यूपी से असामाजिक तत्व और गुंडों की बाढ़ दिखाई दे तो अचरज नहीं होना चाहिए. अगर दिल्ली की आबादी से यूपी की आबादी की तुलना की जाए तो आंकड़ा और भी चौकाने वाला है. यूपी सरकार प्रति व्यक्ति सिर्फ 384 रुपये खर्च करना चाहती है. जबकि दिल्ली सरकार का बजट 41548 रुपये है.
हो सकता है योगियों की तादाद भी बढ़ जाए. एक तरफ गुंडाराज दूर करने की बातें हो रही हैं तो दूसरी तरफ यूपी को शिक्षित बनाने की जगह शिक्षा में पीछे करने के काम हो रहे हैं.
आपको हो सकता है अचरज हो लेकिन आम आदमी पार्टी की दिल्ली की सरकार ने जहां शिक्षा का बजट बढ़ाया है वहीं यूपी में योगी सरकार ने शिक्षा के बजट को एक झटके में 10 फीसदी कर दिया है. अखिलेश सरकार ने शिक्षा पर खर्च करने के लिए 9990 रुपये का बजट रखा था.
इसे घटाकर 576 करोड़ कर दिया गया है. उच्च शिक्षा पर 2742 करोड़ रुपये का प्रोविजन रखा गया था. अब इसे 273 करोड़ से भी कम कर दिया गया है. जाहिर बात है बच्चों के स्कूल भी कम होंगे और उन पर होने वाला खर्च भी. टीचर की तनख्वाह तो कम होने से रही. बिजली बगैरह का खर्च भी कम नहीं होने वाला.
अब अगर दिल्ली की केजरीवाल सरकार से तुलना की जाए तो योगी को शर्म आ जाएगी. दिल्ली सरकार ने पिछली साल शिक्षा पर 10690 रुपये खर्च किए थे और इस साल उसे बढ़ाकर 11300 करोड़ कर दिया.
इन हालात में आप कल्पना कर सकते हैं कि यूपी में बच्चे योगी बनेंगे कि नहीं.