नितीश कुमार का इस्तीफा, अंतरआत्मा की आवाज़ पर दिया इस्तीफा

नई दिल्ली : बुधवार का दिन बिहार में महागठबंधन की सरकार के लिए अशुभ रहा. भ्रष्टाचार के मुद्दे पर तेजस्वी यादव के इस्तीफे को लेकर पिछले करीब 20 दिनों तक महागठबंधन के दो सहयोगी दलों जेडीयू और राष्ट्रीय जनता दल के बीच टकराव के अंजाम के रुप में नीतीश कुमार का इस्तीफा सामने आया है. इसके साथ ही वो सुशासन बाबू और विकास पुरुष हो जाएंगे.

नीतीश कुमार ने गवर्नर को अपना इस्तीफा सौंपने के बाद कहा कि मौजूदा माहौल में काम करना संभव नहीं था.नीतीश ने कहा कि अंतरात्मा की आवाज़ पर उन्होंने ये इस्तीफा दिया है. उन्होंने आगे कहा- “मैने किसी का इस्तीफा नहीं मांगा था. तेजस्वी के मामले पर राहुल से भी बात की. हमने अच्छा काम करने का प्रयास किया.”

तेजस्वी यादव के खिलाफ सीबीआई ने होटल के बदले जमीन केस में केस दर्ज किया है. ये मामला उस वक्त का है जब यूपीए सरकार के दौरान राजद सुप्रीमो लालू यादव रेलमंत्री थे. उनके रेलमंत्री रहते हुए होटल के टेंडर में फर्जीवाड़े का मामला सामने आया और उसकी एवज में लालू और उनके परिवार को फायदा पहुंचाया गया. पटना में उन्हें इसके बदले जमीन दी गई थी.

सीबीआई की तरफ से दायर होटल के बदले जमीन केस में लालू, राबड़ी के साथ ही तेजस्वी यादव का भी नाम है. सीबीआई की ओर से केस दर्ज करने के बाद लालू यादव के पटना से लेकर भुवनेश्वर तक बारह ठिकानों पर दिनभर छापेमारी की गई.

भ्रष्टाचार के इस केस में तेजस्वी का नाम आने के बाद नीतीश कुमार ने तेजस्वी को चार दिन का अल्टीमेटम देते हुए तथ्यों के साथ सामने आने को कहा था. लेकिन, तेजस्वी की तरफ से इस पर सफाई की जगह लगातार नीतीश के ऊपर राजद के नेताओं ने जमकर बयानबाजी की और हमले किए. यही बिहार में महागठबंधन सरकार की टूट की तत्काल वजह बनी.