अहमदाबाद : कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की कार पर गुजरात में कुछ लोगों ने पथराव किया. उन्हें काले झंडे भी दिखाए गए. राहुल गांधी शुक्रवार को बाढ़ प्रभावित बनासकांठा इलाके में स्थानीय लोगों से मिलने पहुंचे थे और यहां लोगों को संबोधित भी किया. इस दौरान उनकी कार पर पथराव हुआ जिससे कार की पिछली सीट से बगल में लगा कांच टूट गया. बनासकांठा के एसपी ने बताया कि पत्थर उसी तरफ लगा जिस तरफ कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी बैठे हुए थे. पत्थर इतना बड़ा था कि गलती से अगर राहुल गांधी को लग जाता तो उनकी जान भी जा सकती थी. ये हमला बीजेपी की टकराव की राजनीतिक शैली का एक नमूना भर है.
आरएसएस और बीजेपी की टकराव की राजनीति बेहद खतरनाक दिशा में हालात को ले जा रही है. आज शाम आपने देखा होगा कि संघ के पदाधिकारी केरल में राजनीतिक हिंसा का आरोप लगा रहे थे. सोशस मीडिया पर भी लगातार ये माहौल बनाने की कोशिश हो रही है कि सीपीएम के लोग संघ वालों को चुन चुन कर मार रहे हैं. उनके गले काट रहे हैं और उनके हाथ अलग कर देते हैं.
लेकिन केरल के आंकड़े कुछ और कहते हैं. आंकड़े कहते हैं कि जितने लोग संघ के मारे गए हैं उतने सीपीएम के भी मारे गए. ये हत्याएं मंत्रोच्चार से नहीं की गईं. बंगाल में मुकाबला कांग्रेस और लेफ्ट के बीच रहा वहां तो ऐसी हिंसा नहीं हुई. उड़ीसा में ङी मुकाबला बीजेपी से नहीं था वहां भी सब सामान्य रहा. केरल मेें सामने संघ है तो हिंसा हो रही है.
खेर यहां इसका जिक्र टकराव की राजनीति के संदर्भ में ही हो रहा है .राहुल गांधी और केरल की बात छोड़ भी दें तो तीसरा उदाहरण है वाराणसी का . पीएम नरेन्द्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने गए आम आदमी पार्टी के नेता अरविंद केजरीवाल पर एक के बाद एक कई हिंसक हमले हुए. उन पर स्याही फेंकी गई थप्पड़ मारे गए.
चौथा उदाहरण – दिल्ली में शीला दीक्षित जिस सभा में जाती थीं 50 बाउंसर टाइप लोग काले झंडे लेकर भेज दिए जाते थे. शीला भाषण देती थीं और ये लोग काले झंडे दिखाते थे. कोशिश होती थी कि टकराव हो मारपीट हो.
आप कल्पना कर सकते है कि अगर राहुल गांधी को चोट लगती तो क्या हो सकता था. बार बार हिंसा और टकराव के ये उदाहरण बेहद खतरनाक हैं. केरल का उदाहरण सबसे सामने हैं. जो राजनीति सकारात्माक चीज़ों से मतदाता को आकर्षित करने की होनी चाहिए वो टकराव खतरनाक है.
बीजेपी को समझना चाहिए कि ऐसी घटनाएं देश को हिंसा की आग में झोंक सकती है. कम से कम राष्ट्रहित से तो न खेंलं
राहुल गांधी ने पथराव की घटना के बाद ट्वीट करके प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी जी के नारों से, काले झंडों और पत्थरों से हम पीछे हटने वाले नहीं हैं, हम अपनी पूरी ताकत लोगों की मदद करने में लगाएंगे.’