क्या आप जानते हैं कि अचानक इतने सारे बिल्डर दीवालिया होने को बेकरार क्यों हैं ? क्या वजह है कि बिल्डर खुशी खुशी अपनी संपत्ति नीलाम कराकर निकल पा रहे हैं. कहीं इसके पीछे कोई सरकारी मदद तो नहीं. आप मानें या न मानें लेकिन जानकारों का कहना है कि केन्द्र सरकार का एनपीए से निपटने के लिए लाया गया बैंकरप्सी कानून बिल्डरों और दूसरे डूबते कारोबार के लोगों के लिए वरदान साबित हो रहा है. केन्द्र सरकार ने नये कानून में दीवालिया घोषित होकर बाहर निकलने की प्रक्रिया को बेहद आसान बना दिया है. अगर आप ये शक करना चाहें कि कानून को बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए बदला गया तो आप इसके लिए भी स्वतंत्र हैं.
नए लॉ के मुताबिक, इम्पलॉज, क्रेडिटर्स और शेयरहोल्डमर्स को यह पावर दी गई है कि वे फाइनेंशियल स्ट्रे स के संकेत जैसे कि बैंक लोन के रिपेयमेंट में सीरियस डिफॉल्ट के बाद वाइडिंग-अप प्रोसेस शुरू कर सकते हैं.
कानून को समझने के लिए आपको इनसॉल्वेंेसी एंड बैंकरप्सीद बोर्ड ऑफ इंडिया के चेयरमैन एमएस साहू का बयान पढ़वाते हैं. साहू ने कहा था कि नया इनसॉल्वेंFसी एंड बैंकरप्सी कोड उद्योगपतियों को इकोनॉमिक फ्रीडम देगा. कारोबार से एग्जिट करने की आजादी. उन्होंने कॉरपोरेट, पार्टनरशिप फर्म और इंडिविजुअल्सक को इनसॉल्वेंनसी रिसोल्यू्शन और रिऑर्गनाइजेशन के कानून में को कारोबार को दीवालिया घोषित करने में बेहद मददगार बताया.
साहू ने कहा था कि अब इकोनॉमी में एग्जिट की फ्रीडम मिली है. साहू आज नेशनल कॉफ्रेंस ऑन इन्सॉल्वेंअसी और बैंकरप्सी कोड को संबोधित करते हुए ये भाषण दे रहे थे. कॉफ्रेंस का आयोजन एसोचैम की ओर से किया गया था.
उन्होंरने कहा था कि यह कोड लागू होने के बाद फर्म को यह डर नहीं सताएगा कि अगर फेल हो गए तो क्या होगा, ये फर्म आसानी से अपना कारोबार समेट सकेंगी. इसके अलावा यह कोड ईज ऑफ डुइंग बिजनेस, एंटरप्रेन्योीरशिप को प्रमोट करने, कॉरपोरेट डेट मार्केट को डेवलप करने, कॉरपोरेट डेट फाइनेंसिंग के ऑप्शेन बढ़ाने का काम करेगा और सबसे अधिक ग्रोथ को इंप्रूव करने और इंक्लूटसिव ग्रोथ और प्रमुख लीगल इकोनॉमिक प्रॉब्लम को सॉल्व करने का काम करेगा.
सरल भाषा में सरकार ने कानून बनाकर संकट में फंसी रियल स्टेट इंडस्ट्री के प्रमोटर्स या कहें कि बिल्डरों को आसानी से निकल जाने का रास्ता दिखा दिया. इस कानून से आसानी से बैंक बिल्डर की संपत्ति नीलाम करके अपना धन वसूल कर सकेंगे. लेकिन इस संपत्ति पर जो बायर्स का धन लगा है उसकी वसूली कैसे होगी ये भगवान ही जानता है.