नितीश की मुसीबतें अभी बाकी हैं. शरद यादव बन सकते हैं जेडीयू अध्यक्ष

नई दिल्ली : जब पहली बार नितीश ने बीजेपी की तरफ कदम बढ़ाया था तबसे नॉकिग न्यूज लगातार जेडीयू की अंदरूनी खबरें आपतक पहुंचा रहे हैं. आजतक सभी खबरें सही निकली हैं और सभी वायरल हुई है. हमने सबसे पहले बताया था कि नितीश के लिए ये घाटे का सौदा हो सकता है. अब नयी खबर ये हैं कि शरद यादव ने जेडीयू पर कब्जे की तैयारी शुरू कर दी है. अगर वो कामयाब हो जाते हैं तो नितीश के लिए परेशानी बढ़ सकती है. शरद यादव के नज़दीकी माने जाने वाले और राष्ट्रीय महासचिव पद से हटाए गए अरुण श्रीवास्तव ने अब कहा है कि जेडीयू की 14 राज्यों की इकाइयां शरद यादव के साथ हैं. इन राज्यों के 14 अध्यक्षों ने शरद यादव को समर्थन का पत्र सौंपा है.

शरद यादव अब 19 अगस्त को आयोजित पार्टी की राज्य कार्यकारिणी की पटना में आयोजित बैठक में इस बात का दावा करेंगे कि ‘असल जदयू’ उनके साथ है.
गोरखपुर से टेलीफोन पर बातचीत के क्रम में अरुण श्रीवास्तव ने कहा कि शरद यादव के पक्ष में बिहार छोड़ अन्य राज्यों की इकाइयों के उतरने के कारण ही नीतीश कुमार ने यह कहा है कि जदयू बिहार की पार्टी है. श्रीवास्तव ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है. जदयू बिहार के बाहर भी सक्रिय है. गुजरात में उसके एक विधायक हैं, वहीं केरल से राज्यसभा में एक सदस्य हैं. इत्तफाक की बात है कि यह दोनों भी नीतीश कुमार के भाजपा के साथ जाने के फैसले के खिलाफ हैं.

उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के पहले जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं. नीतीश कुमार ने अपनी समता पार्टी का जदयू में विलय किया था. हम लोग जदयू नहीं छोड़ेंगे. नीतीश कुमार चाहें तो बिहार के लिए अलग पार्टी बना लें. उन्होंने कहा कि बिहार में भी जदयू के पुराने एवं समर्पित कार्यकर्ता शरद यादव के साथ हैं.
उन्होंने प्रथम चरण में बिहार का तीन दिवसीय दौरा उन्हें एकजुट करने के लिए किया है. 19 अगस्त को आयोजित जदयू की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद शरद यादव अपना यह अभियान और तेज करेंगे.