नई दिल्ली: तीन तलाक पूरी तरह खत्म नहीं हुआ है इस कानून में अब खड़े खड़े, या वाट्सएप पर, या फोन पर या एसएमएस पर तीन तलाक बंद हो जाएंगे लेकिन तलाक के इस तरीके को होगी इजाजात.
पूर्व सांसद आरिफ मोहम्मंद खान ने अपने एक लेख में कुरान के हवाले से लिखा है कि इसमें तीन तलाक को बिल्कुल प्रश्रय नहीं दिया गया है. इसमें कहा गया है कि अगर लगता है पति-पत्नील में बन नहीं रही है और रिश्ताे टूटने की कगार पर है तो पत्नीह को समझाएं.
बात नहीं बने तो पत्नी से अलग सोएं. उन्हें तलाकशुदा जोड़े का उदाहरण देकर तलाक की दुश्वागरियों का अहसास दिलाने की कोशिश करें. यह जताने की कोशिश करें कि कैसे तलाक से परिवार और बच्चोंद पर असर पड़ेगा. अगर तब भी बात नहीं बनते तो पति-पत्नी के परिवार से एक-एक व्यक्तियों के जरिए मध्यास्थतता की व्य वस्थाे भी कुरान में बताई गई है (4.34-35).
अगर मध्यस्थिता से भी बात नहीं बने तो कुरान में तलाक की बात कही गई है. इसके बाद भी तीन महीने पति-पत्नीर को पहले की तरह रहने के लिए कहा गया है. इस मियाद को इद्दत कहते हैं. इद्दत के दौरान पति् चाहे तो तलाक वापस भी ले सकता है. तीन महीने बाद पत्नीद राजी हो तो पति दोबारा निकाह कर सकते हैं. कुरान में यह भी व्य वस्था है कि तलाक देते वक्तह दो गवाह जरूर मौजूद रहें और उनकी मौजूदगी में तलाक की शर्तें तय हों और उन शर्तों पर हर हाााल में अमल हो (65-1-2).