लखनऊ : कोई सरकार लीपापोती करके एक हदसे में तो बच सकती है लेकिन अगर आपका पूरा सिस्टम ही खराब है तो लीपापोती से कुछ नहीं हो सकता. गोरखपुर मामले में लापरवाही से बच्चों की मौत के मामले को योगी सरकार ने डॉक्टर कफील पर दोष लगाकर दूसरी दिशा में मोड़ दिया लेकिन 15दिन में फिर हादसा हो गया. राजधानी लखनऊ के डॉ. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में शनिवार देर रात कुत्तों ने मॉर्चुरी से एक महिला की डेडबॉडी खींचकर नोच डाली. रविवार सुबह जानकारी होने पर अटेंडेंट ने हॉस्पिटल में हंगामा कर दिया. इसके बाद डॉक्टरों से लेकर पूरे स्टाफ पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया.
राजधानी के चिनहट थाना क्षेत्र की रहने वाली चालीस साल की पुष्पा तिवारी को शनिवार को पेट दर्द होने पर हॉस्पिटल इमरजेंसी वॉर्ड में लाया गया था. डॉक्टर्स ने उसका ट्रीटमेंट किया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. सुबह 9 उसे एडमिट कराया गया था शाम को 6 बजे डेथ हो गई.
अटेंडेट दीपू के मुताबिक, पेशेंट की डेथ होने के बाद डॉक्टर ने कहा- डेडबॉडी पोस्टमॉर्टम के बाद ही मिलेगी. इसलिए रविवार सुब आकर बॉडी ले जाना. इसके बाद घरवालों ने डेड बॉडी को खुद ही उठाकर हॉस्पिटल के मॉर्चरी के अंदर रखा. डीप फ्रीजर में डेड बॉडी को रखने के बाद वे लोग वहां से चले गए. दीपू ने बताया, रविवार सुबह जब वे डेड बॉडी लेने के लिए वहां पहुंचे, तो कमरे के बाहर खून के दाग देख डर गए. उन्होंने स्टाफ से कहकर दरवाजा खुलवाया, तो देखा कि डेड बॉडी पूरी तरह से डैमेज हो गई थी. चेहरा पूरी तरह से नोचा हुआ था. दोनों आंखें भी गायब थीं. कमरे में कुतों के पांव के निशान जगह-जगह नजर आ रहे थे. पूरे कमरे के अंदर तेज बदबू आ रही थी. डेड बॉडी से खून भी बह रहा था.
महिला के अटेंडेंट ने बताया, पुष्पा की डेथ के बाद जब वे कमरे से डेड बॉडी मॉर्चरी ले जाने लगे तो नर्स ने उन्हें बिना पैसे दिए डेड बॉडी को हाथ लगाने से मना कर दिया. घरवालों ने उसे तुरंत एक हजार रुपए दे दिए. उसके बाद जब वे डेड बॉडी को लेकर मॉर्चरी पहुंचे तो वहां भी गार्ड ने उनका रास्ता रोक लिया. उसे 100 रुपए निकाल कर दे दिए. इतना ही नहीं जब वे डीप फ्रीजर में डेड बॉडी को रखने लगे तो गार्ड ने उसके लिए 500 रुपए और वसूले.
जिस टाइम पुष्पा तिवारी की डेथ हुई थी, उस टाइम उसने गले में एक सोने की चेन, पांव में पायल, नाक में सोने की कील और कान में बाली पहनी हुई थी. लेकिन जब वे रविवार को डेड बॉडी लेने के लिए पहुंचे, तो ये सब गायब था. कर्मचारियों से इस बारे में पूछताछ की गई, लेकिन उन्होंने गहने होने की बात से साफ इनकार कर दिया.
दोषियों के खिलाफ होगी कार्रवाई लोहिया हॉस्पिटल के डायरेक्टर डॉ. डीएस नेगी के मुताबिक, ”डेड बॉडी को रात में मॉर्चुरी के अंदर रखने के बाद बाहर से ताला बंद कर दिया गया था. किसी शरारती तत्व ने रात में गेट का ताला तोड़ दिया. उसके बाद कुतों ने डेड बॉडी को नुकसान पहुंचाया है. इस मामले की जांच मैं खुद कर रहा हूं. जो भी दोषी होगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.”
विभूति खंड इन्स्पेक्टर सत्येंद्र राय के मुताबिक, महिला ने शनिवार को सल्फाज खाया था, जिसके बाद उसे लोहिया हॉस्पिटल के इमरजेंसी वॉर्ड में एडमिट कराया गया था. इलाज के बाद मौत हो गई थी. उसके पति विनोद तिवारी ने हॉस्पिटल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए तहरीर दी थी. केस दर्ज हो गया है. गोमतीनगर थाने के सीओ दीपक कुमार के मुताबिक, जांच रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में उचित कार्रवाई की जाएगी.