नई दिल्ली : सुभाष चंद्रा के चैनल जी न्यूज़ को सोशल मीडिया की तरह की सस्ती भाषा इस्तेमाल करना महंगा पड़ गया है. जाने माने लेखक, तर्कशास्त्री और साहित्यकार गौहर रज़ा को ज़ी न्यूज़ ने अफज़ल प्रेमी गैंग का सदस्य बताया था. ये ही भाषा चैनल देशभर के साहित्यकारों के लिए इस्तेमाल कर रहा था. खास तौर पर जब उन्होंने पुरस्कार वापस किए. लेकिन चैनल ये भूल गया कि वो फेसबुक पोस्ट नहीं लिख रहा चैनल पर खबरें बता रहा है. अब चैनल को इसका नतीजा भुगतना पड़ रहा है. चैनल को बाकायदा स्क्रीन पर लिखित में अब गौहर रज़ा से माफी मांगनी होगी और 1 लाख रुपये का जुर्माना भरना होगा.
ये जुर्माना न्यूज ब्रॉडकास्टिंग स्टैंडर्ड्स अथॉरिटी (NBSA) ने लगाया है. जी न्यूज ने एक न्यूज रिपोर्ट में वैज्ञानिक और शायर गौहर रजा को ‘देशद्रोही’ और संसद पर हमले के दोषी आतंकी अफजल गुरु का समर्थक बताया था. NBSA न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसियेशन की स्व नियमन शिकायत समाधान ईकाई है. न्यूज ब्रॉडकास्टर्स एसोसियेशन निजी समाचार चैनलों का प्रतिनिधित्व करने वाली एक संस्था है.
‘अफजल प्रेमी गैंग का मुशायरा’ नाम से ऑन एयर किये गये इस प्रोग्राम में जी न्यूज ने गौहर रजा को संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरु का समर्थक बताया था. बता दें कि इस कार्यक्रम में गौहर रजा की शायरी को भी दिखाया गया था इसके साथ साथ ही इस प्रोग्राम में जेएनयू में कथित रुप से लगाये गये देश विरोधी नारों का फर्जी फुटेज भी चलाया गया था.
NBSA ने जी न्यूज मैनेजमेंट को 8 सितंबर को इस बावत माफीनामा भी चलाने को कहा है. साथ ही इस प्रोग्राम से संबंधित वीडियो को भी जी न्यूज की वेबसाइट से हटाने को कहा गया है. इस बारे में दो शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए जस्टिस आर वी रविन्द्रन, जो कि NBSA के चेयरमैन भी हैं, ने कहा कि जी न्यूज ने निष्पक्षता, तटस्थता, सच्चाई के संस्था के दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया है. इस बारे में एक शिकायत तो खुद गौहर रजा ने दाखिल की थी, जबकि दूसरी शिकायत अभिनेत्री शर्मिला टैगौर, गायिका शुभा मुद्गल, कवि अशोक वाजपेयी और लेखिका सईदा हमीद ने दायर की थी.
NBSA के आदेश में कहा गया है कि चैनल ने प्रोफेसर गौहर रजा को अपनी सफाई रखने का कोई मौका नहीं दिया, जबकि प्रोग्राम में उनकी शायरी दिखाई जा रही थी. इधर जी न्यूज के संपादक सुधीर चौधरी ने कहा है कि उनकी कंपनी ने NBSA के दिशा निर्देशों का कोई उल्लंघन नहीं किया है. सुधीर चौधरी ने कहा कि उनकी कंपनी इस आदेश पर कानूनी विकल्प तलाश रहे हैं और उनकी कंपनी इसे आदेश को चुनौती भी दे सकती है.