अंबानी सुन सकेंगे भारत की टॉप सीक्रेट बातचीत? मोदी ने आसान कर दिया ये काम

नई दिल्ली : आपको याद होगा कथित तौर पर जब दिल्ली पुलिस जाने माने नेता अमर सिंह के फोन रिकॉर्ड करा रही थी. उस समय रिलायंस ने अमर सिंह को दोस्त होने का फायदा दिया. फोन रिकॉर्डिंग के बारे में अमर सिंह को न सिर्फ खबर की गई बल्कि उनके पास रिकॉर्डिंग भी पहुंच गई. ये अलग बात है कि मामला खुलने पर पता चला कि रिकॉर्डिंग दिल्ली पुलिस नहीं करवा रही थी बल्कि किसी डिटेक्टिव एजेंसी ने पुलिस का फर्जी पत्र बनाकर रिकॉर्डिंग करवाई थी.

कंपनी के अधिकारियों ने अंबानी को इसकी खबर दी कि उनके दोस्त की रिकॉर्डिंग हो रही है. उसके बाद अनिल अंबानी ने खबर अमरसिंह तक पहुंचा दी. साथ में रिकॉर्डिंग भी अमरसिंह तक पहुंच गई. रिलायंस कंपनी पर देश में इतना ही भरोसा किया जा सकता है.

लेकिन मामला रिलायंस का हो तो लगताहै कि भरोसा कितना करना है ये भी सरकार नहीं अंबनी ही तय करते हैं. आपको जानकर करंट लगेगा कि केन्द्र की मोदी सरकार फिर से उसी अंबानी पर भरोसा करने जा रही है. ये छोटा मोटा भरोसा नहीं है बल्कि देश के सबसे सीक्रेट वार्तालाप और संवाद को रिलायंस के नेटवर्क पर डाला जा रहा है.

मोदी सरकार ने देश के शीर्ष अधिकारियों को 80 गूगल फोन ट्रायल के लिए दिए हैं ये गूगल के नेक्सस फोन होंगे और इन पर सिर्फ अंबानी जी के जियो के कनेक्शन होंगे. सरकार का कहना है कि इससे सुरक्षित कम्युनिकेशन होगा. सरकार को अपने उपक्रम बीएसएनएल पर भरोसा नहीं है. एमटीएनएल पर भी भरोसा नहीं है और अंबानी पर भरोसा है जिनके रिकॉर्ड का जिक्र उपर किया गया.

केन्द्र का ये कदम इतना खतरनाक है कि रिलायंस के पास भारत सरकार के एक एक संवाद की जनकारी पहुंच सकती है.

सोर्सेज ने कहा कि होम मिनिस्ट्री ने इसके लिए विभिन्न मंत्रालयों के 100 अधिकारियों की सूची तैयार की थी. इसमें से 80 फोन अभी उपलब्ध करवाए जा चुके हैं. बाकी 20 फोन भी आ रहे हैं.

हालांकि संचार मंत्रालय के सोर्स कह रहे हैं कि ये प्रोजेक्टप अभी ट्रायल के लिए है. जिसके तहत यह देखा जाएगा कि इस फोन से कम्युेनिकेशन कितना सुरक्षित है और यह फोन कैसा काम कर रहा है. सवाल इस बात का है कि सरकार अपने नेटवर्क की जगह इतने सीक्रेट कम्युनिकेशन को किसी विवादास्पद कंपनी के नेटवर्क पर क्यों डाल रही है.

होम मिनिस्ट्री ने इस बारे में जो मानक तय किए थे गूगल पिक्सल फोन उसका अनुपालन करता है. इस 4जी फोन को अधिकारियों के जरूरत के हिसाब से विशिष्टिकरण कस्टमाइजेशन सेंटर फोर डेवलमेंट आफ एडंवास्ड कंप्यूटिंग सी डैक तथा इलेक्ट्रोनिक्स कारपोरेशन आफ इंडिया ने किया है. होम मिनिस्ट्रीय के एक अधिकारी ने कहा कि जहां हैंडसेट और टेलिकॉम सर्विस प्रोवाइडर सुरक्षा के लिहाज से महत्वपूर्ण तत्व हैं . वहीं यह भी मायने रखता है कि वायस और डाटा कम्युसनिकेशन किस ऐप पर आधारित है. उल्लेखनीय है कि पिक्सल प्रमुख इंटरनेट कंपनी गूगल का स्मार्टफोन है.