गुरुग्राम :यहां के रेयान इंटरनैशनल स्कूल में दूसरी कक्षा में पढ़ने वाले छात्र प्रद्युम्न की हत्या मामले में पुलिस पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं. हजारों हत्याओं को कवर कर चुके पत्रकार और और अपराध शास्त्र के जानकार मानते हैं कि इस मामले में कुछ गड़बड़ ज़रूर है. इन जानकारों का कहना है कि यौन अपराध के लिए बच्चे की हत्या की बात इस मामले में विश्वसनीय नहीं लगती. खुद प्रद्युम्न की मां ज्योति ठाकुर का कहना है कि कंडक्टर को मोहरा बनाया जा रहा है. कंडक्टर इस मामले में दोषी दिखाई नहीं देता. पुलिस मीडिया में अपनी छवि बचाने के लिए कंडक्टर को फंसा रही है.
दरअसल यौन उत्पीड़न का मामला इसलिए भी नहीं लगता क्योंकि घटना स्कूल शुरू होते ही हुई. यौन उत्पीड़न का मामला उस स्थिति में तो बन सकता था जब हत्या आधा दिन चढ़ने के बाद होती . कंडक्टर और ड्राइवर के यौन उत्पीड़न करने की गुंजाइश तब बनती जब ये बच्चा सबसे बात में बस से उतरता हो या बस में टीचर न रहता हो. सारे बच्चे एक साथ स्कूल में जाते हैं और कंडक्टर उनका पीछा करते हुए बस छोड़कर अंदर जा ही नहीं सकता. जाहिर बात है पहले बस पार्क हुई होगी फिर कंडक्टर निकल सका होगा.
इसके बाद कंडक्टर के लिए बच्चे को भीड़ भरे स्कूल में ढूंढना औह हत्या को अंजाम देना आसान नहीं है. वैसे भी बस स्टाफ आम तौर पर स्कूल की इमारत में नहीं जाता और उसे वहां के हालात का ज्यादा पता नही होता. इससे भी बड़ा सवाल ये कि जब बच्चा बस से स्कूल जाता ही नहीं था तो कंडक्टर ने उसे क्यों टारगेट किया. वो उसे कैसे मार सकता है.
बच्चे के परिजनों ने इसीलिए पुलिस की जांच पर गंभीर सवाल उठाते हुए सीबीआई जांच की मांग की है. प्रद्युम्न की मां ज्योति ठाकुर ने एक निजी चैनल से बातचीत में कहा कि असली गुनहगार कोई और है जिसे बचाने के लिए कंडक्टर को मोहरा बनाया जा रहा है. उन्होंने संदेह जताया है कि हो सकता है कि उनके बच्चे ने स्कूल के टॉइलट में स्कूल से जुड़े कुछ लोगों को कुछ गलत करते हुए देख लिया हो, जिसके बाद सच्चाई को दबाने के लिए उसकी हत्या कर दी गई हो. बच्चे की मां ने पूरे मामले की सीबीआई से जांच की मांग करते हुए कहा कि उन्हें पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है.
इस मामले को लेकर मृत छात्र के पिता वरुण ठाकुर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर शनिवार को अपने वकीलों के साथ पुलिस कमिश्नर ऑफिस पहुंचे. परिजन स्कूल के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं. पुलिस कमिश्नर और बच्चे के परिजनों समेत 10 लोगों की एक कमिटी के बीच इसे लेकर बातचीत भी हुई. वरुण ठाकुर के वकील ने कहा है कि स्कूल प्रबंधन के खिलाफ कार्रवाई निश्चित है. उन्होंने बताया कि स्कूल की प्रिंसिपल को सस्पेंड कर दिया गया है.