नई दिल्ली : देश के इतिहास का सबसे बड़ा स्कैंडल सामने आने वाला है. दिल्ली महिला आयोग ने पहली बार यहां कि जीबी रोड पर चलने वाले कोठों के मालिकों को टारगेट किया है . बताया जा रहा है कि यहां चलने वाले 50 से ज्यादा कोठे सफेदपोश लोगों के हैं. बताया जा रहा है कि इन नामों के सामने आने के बाद खलबली मच सकती है. जीबी रोड के कारोबारियों में ये जानकारी आम है कि कोठा मालिक ऊचे लोग हैं. इनमें से कई एक केन्द्रीय मंत्री के नज़दीकी हैं. कुछ बड़े नेता हैं तो कुछ ब्यूरोक्रेट. हालांकि महिला आयोग ने अबतक इन नामों को जग जाहिर नही किया है.
आयोग का कहना है कि संसद से महज तीन किलोमीटर दूर चल रहे इस धंधे को रोकने का काम नहीं हो पाता. अक्सर दलालों और लड़कियों को पकड़कर पुलिस अपना काम पूरा कर लेती है इससे कारोबार नहीं रुकता. ज्यादा से ज्यादा कोठे चलाने वाली औरतें फंसती हैं लेकिन असली खिलाड़ी कोठे वाले हैं. महिला आयोग ने इन कोठे मालिकों के चेहरे बेनकाब करने का काम भी शुरू कर दिया है.
आयोग ने अब दिल्ली महिला आयोग ने इन कोठों के गोरखधंधे के असली खिलाड़ियों तक पहुंचने की कवायद शुरू कर दी है. कोठों के असली मालिकों का पता लगाने के लिए गुरुवार को 125 कोठा चलाने वाली औरतों को समन जारी किया. औरतों ने समन लेने से इनकार कर दिया उनके कोठों की दीवारों पर समन चिपका दिया.
आयोग का कहना है कि इसके बा असली संचालकों के नाम सामने आ जाएंगे. समाज को पता चलना चाहिए कि कौन लोग हैं जो हराम की कमाई खा रहे हैं. माना जा रहा है कि ये आम आदमी पार्टी की तरफ से बड़ा हमला है. अगर कोठे मालिकों के नाम सामने आते हैं तो कई नेता बेनकाब हो जाएंगे.
महिला आयोग के मुताबिक देश के दूरदराज और गरीब इलाकों से छोटी-छोटी बच्चियों को तस्करी कर यहां लाकर बेच दिया जाता है. इसके बाद इनका शारिरिक शोषण शुरू हो जाता है. महिला आयोग की टीम ने कई बार यहां छापा भी मारा, लेकिन कोठों के असली मालिकों का पता नहीं चल पाता है. कोठा मालिकों को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि दलाल जेल गए हैं या बाहर हैं. वो दूसरे लोगों को रखकर काम शुरू कर देते हैं. अब मालिक फंसेंगे तो अपने आप धंधा बंद हो जाएगा.
इसके चलते दिल्ली महिला आयोग ने नए सिरे से मुहिम शुरु की है. इससे पहले दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस, बिजली विभाग, जल बोर्ड एवं एसडीएम सहित अन्य विभागों को नोटिस जारी कर कोठों के असली मालिकों का पता लगाने के लिए उनके नाम मांगे थे. इन विभागों से कोठा मालिकों के बारे में अलग-अलग जानकारियां मिली थी. सभी कोठा मालिकों को डीसीडब्ल्यू ने पहचान पत्र लेकर आने को कहा है.
Karnee or kathnee may bhut anter hai….