नई दिल्ली : गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल की कीमत 70.39 रुपये प्रति लीटर, कोलकाता में 73.13 रुपये प्रति लीटर, मुंबई में 79.5 रुपये प्रति लीटर और चेन्नई में 72.97 लीटर रही. पेट्रोल की ये कीमत अगस्त 2014 के बाद सर्वाधिक है. आर्थिक मामलों के जानकारों का कहना है कि इसका दाम आज के हालात में 31 रुपये लीटर होना चाहिए था.
अब सवाल ये है कि आखिर 31 रुपये का तेल आम जनता को करीब 70 से 79 रुपये प्रति लीटर क्यों बिक रहा है? इसका सीधा जवाब है- मोदी सरकार द्वारा लगाए गए टैक्सों के कारण. मोदी सरकार नवंबर 2014 से अब तक पेट्रोल के उत्पाद शुल्क में 126 प्रतिशत और डीजल के उत्पाद शुल्क में 374 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर चुकी है. वित्त मंत्री अरुण जेटली और पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के बयानों से जाहिर है कि मोदी सरकार हाल-फिलहाल अपनी मौजूदा नीति में बदलाव नहीं करने जा रही.
भारत में पेट्रोल तब भी महँगा है जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत पिछले कुछ सालों में काफी कम हुई हैं. लेकिन भारतीय ग्राहकों को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत कम होने का लाभ नहीं मिल रहा है. मोदी सरकार ने तेल पर अतिरिक्त टैक्स लगाया है जिसकी वजह से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत कम होने के बावजूद भारत में कीमत कम नहीं हो रही है.
ये हैं आंकड़े एक नज़र में ताकि आप खुद भी विश्लेषण कर सकें. गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत 54.16 डॉलर (3470 रुपये) प्रति बैरल है. कैच न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय तेल कंपनियों (इंडियन ऑयल, हिंदुस्तान पेट्रोलियम, भारत पेट्रोलियम) को एक लीटर कच्चा तेल (पिछले साल सितंबर तक) 21.50 रुपये का पड़ता था. सितंबर 2016 में भी अंतरराष्ट्रीय कच्चे तेल की कीमत करीब 54 डॉलर प्रति बैरल थी. रिपोर्ट के अनुसार इस्तेमाल लायक बनाने में लगे खर्च और टैक्स इत्यादि जोड़कर एक लीटर कच्चे तेल को करीब 9.34 रुपये खर्च होते हैं.
यानी एक लीटर कच्चा तेल इस खर्च के बाद कंपनी को करीब 31 रुपये का पड़ता है. यानी हर लीटर पेट्रोल पर आम जनता कम से कम 40 रुपये अधिक चुका रही है. पेट्रोल की कीमत पर राज्य सरकारों द्वारा लगाया गये टैक्स के कारण हर राज्य में उसकी दर कम-ज्यादा होती है. पेट्रोल-डीजल को केंद्र सरकार अभी वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के तहत नहीं लाई है.
ऊधर आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया है कि पेट्रोल का दाम साजिश के तहत बढ़ाया गया है ताकि कुछ खास लोगों को फायदा पहुंचाया जा सके.