दाऊद और बीजेपी में सीक्रेट डील ? 2019 में डॉन करेगा मदद ?

नई दिल्ली : क्या 2019 में बीजेपी दाऊद इब्राहिम की मदद से सत्ता में वापस लौटना चाहती है ?  क्या बीजेपी और दाऊद इब्राहिम के बीच सीक्रेट डील हुई है? जी हां ये सवाल हवा में नहीं उठ रहे बल्कि अलग अलग स्रोतों से ये खबरें बार बार सामने आ रही है.

पहले  राज ठाकरे की बात.

रविवार को ठाकरे ने अपने फेसबुक पेज पर एक कार्टून शेयर करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया. कार्टून में अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम मर्जी से इंडिया आता हुआ दिखाई दे रहा है और पीएम नरेंद मोदी उसके पीछे रस्सी से खिंचते चले आ रहे हैं है. कार्टून के साथ ठाकरे ने यह मैसेज भी शेयर किया कि, ‘दाऊद खुद भारत आना चाहता है, लेकिन मोदी उसे लाने का श्रेय ले रहे हैं’.

हमारे सूत्रों की खबर

बीजेपी के कई नेता लगातार दाऊद के संबंधियों के संपर्क में रहते हैं. महाराष्ट्र में देवेन्द्र फणनवीस के नज़दीकी मंत्री माने जाने वाले गिरीश महाजन पर भी दाऊद से रिश्तों पर सवाल उठते रहे हैं. माना जा रहा है कि दाऊद के भाई इकबाल कास्कर की गिरफ्तारी में भी बीजेपी के कुछ नेताओं का हाथ था. और ये माना जा रहा है कि इकबाल कास्कर को दाऊद की तरफ से दिया गया एक कैच है. अगर इकबाल कास्कर के साथ सही व्यवहार होता है तो दाऊद भी प्रक्रिया में आगे बढेगा.

दाऊद इब्राहिम की पत्नी महजबीं शेख पिछले साल अपने पिता से मिलने मुंबई आई थी. पुलिस अधिकारियों के अनुसार, दाऊद के भाई इकबाल कासकर ने पूछताछ में ये सनसनीखेज खुलासा किया था. कासकर ने बताया कि दाऊद इब्राहिम अभी भी पाकिस्तान में है.  कांग्रेसी नेता रणदीप सुरजेवाला ने आरोप भी लगाया था – “यह ऐसा खुलासा है जिसे स्वयं ठाणे पुलिस ने किया है. इस बारे में प्रधानमंत्री और गृह मंत्री को स्पष्टीकरण देना चाहिए.”

क्यों आना चाहता है दाऊद?

दाऊद की सेहत बेहद खराब है. उसे भरोसा नहीं कि कितने दिन जिएगा. दाऊद का केस लड़ चुके जाने माने वकील श्याम केसवानी पहले ही खुलासा कर चुके हैं कि दाऊद भारत आने के लिए काफी कोशिशें कर रहा है. उन्होंने बताया था कि  दाऊद आखिरी सांस अपने वतन की धरनी पर लेना चाहता है. दाउद की शर्त सिर्फ इतनी है कि उससे ज्यादा पूछताछ न की जाए.

क्या है अड़चन

दाऊद के भारत आने में अभी दो अड़चनें हैं. पहली अड़चन है दाऊद की तरफ से. दाऊद चाहता है कि उससे ज्यादा पूछताछ न की जाए. लेकिन सरकार की तरफ से ये भरोसा नहीं दिया जा सकता. मुमकिन है कि कल को सरकार बदल जाए या कोई अधिकारी सरकार की न सुने तो क्या विकल्प रहेगा. दूसरी अड़चन सरकार की तरफ से है. सूत्र बताते हैं कि सरकार फिलहाल दाऊद को भारत लाने का प्लान कुछ दिन टालना चाहती है उसका इरादा है कि 2019 चुनाव से थोड़ा पहले दाऊद को गिरफ्तार किया जाए ताकि इसका राजनीतिक फायदा उठाया जा सके.

सारा मामला सच और झूठ में उलझा है . कोई भी सूचना किसी पुष्ट सूत्र से नहीं आ रही है . असल तस्वीर बाद में ही साफ हो सकती है