एक्टर, निर्देशक, लेखक, पत्रकार और क्रिकेटर टॉम ऑल्टर का निधन

नई दिल्ली: जाने-माने एक्टर टॉम ऑल्टर का निधन हो गया है, वे कैंसर से जूझ रहे थे. टॉम को एक प्रकार का स्किन कैंसर था. बताया जा रहा है कि ऑल्टर कैंसर की चौथी स्टेज में थे. मुंबई के सैफी अस्पताल में इनका इलाज चल रहा था. टॉम सिर्फ 67 साल के थे. टॉम ऑल्टर ने सिर्फ टीवी और फिल्मों में ही नहीं, थियेटर में भी लंबे समय तक काम किया है.

टॉम आल्टर के परिवार ने एक बयान में कहा, ‘दुख के साथ हम अभिनेता, लेखक, निदेशक, पद्मश्री टॉम आल्टर के निधन की घोषणा करते हैं. टॉम शुक्रवार रात में अपने परिवार के सदस्यों की मौजूदगी में दुनिया से विदा हो गए. हमारा आग्रह है कि इस समय हमारी प्राइवेसी का सम्मान किया जाए.’ उनके परिवार में उनकी पत्नी कैरल, बेटा जेमी और बेटी अफशां हैं.

FTII के गोल्ड मैडलिस्ट

टॉम ने 1974 में फिल्म एंड टेलीविजन इंस्टीट्यूट ऑफ पुणे से एक्टिंग में ग्रेजुएशन के दौरान गोल्ड मेडल हासिल किया था. 67 साल के टॉम ने टीवी शोज के अलावा 300 के करीब फिल्मों में भी काम किया है. उन्हें खासतौर पर मशहूर टीवी शो जुनून में उनके किरदार केशव कल्सी के लिए जाना जाता है. 1990 के दशक में यह टीवी शो लगातार पांच साल तक चला था.

सचिन का पहला इंटरव्यू

उनकी एक्टिंग के फैंस ये बात शायद ही जानते हों कि 1980 से 1990 के दौरान टॉम एक स्पोर्ट्स जर्नलिस्ट भी रहे हैं. इतना ही नहीं उनके नाम एक और उपलब्धि है. वह टीवी पर सचिन तेंदुलकर का इंटरव्यू लेने वाले वह पहले व्यक्ति थे.

क्रिकेटर भी थे टॉम ऑल्टर

टॉम सिर्फ क्रिकेट पत्रकार ही नहीं थे बल्कि बेहतरीन क्रिकेटर भी थे. वो क्लब क्रिकेट खेलते थे और देश भर में दौरे कर चुक थे.

जानदार अभिनेता

1977 में ऑल्टर ने नसीरुद्दीन शाह के साथ मिलकर मोल्टे प्रोडक्शन के नाम से एक थियेटर ग्रुप बनाया था. वह थियेटर में लगातार सक्रिय रहे हैं. उनकी खास फिल्मों की बात करें, तो इनमें परिंदा, शतरंज के खिलाड़ी और क्रांति जैसी फिल्में शामिल हैं. वह आखिरी बार सरगोशियां फिल्म में नजर आए थे. यह फिल्म इसी साल रिलीज हुई थी.

कई भाषाओं के जानकार

उम्दा उर्दू बोलने वाले टॉम आल्टर का जन्म सन 1950 में मसूरी में हुआ था. वे भारत में तीसरी पीढ़ी के अमेरिकी थे. उन्होंने वूडस्टॉक स्कूल में पढ़ाई की और इसके बाद थोयेल यूनिवर्सिटी में पढ़े. टॉम जितनी अच्छी उर्दू बोलते थे उतनी ही घटिया हिंदी बोलने वाले अंग्रेज़ों का रोल उन्हें दिया जाता रहा. टॉम लंबे समय तक सिर्फ फिल्मों में फिंरंगियों का रोल ही करते रहे लेकिन बाद में लोगों ने उनकी काबिलियत को पहचाना.