नई दिल्ली : जन प्रतिनिधि को संघर्ष तो करना ही होगा. आंखों देखी मख्खी निगलते नेताओ के बीच आप की अल्का लांबा ने नयी मिसाल पेश की है. उन्होंने सड़क पर अतिक्रमण करने वालों से सीधे टक्कर ली. अलका लांबा वहां एक धार्मिक कार्यक्रम में शिरकत के लिए पहुंची थी लेकिन भारी जाम, अवैध पार्किंग और सड़कों पर हो रही लोडिग-अनलोडिंग के कारण उन्होने रास्ता जाम देखा. नाराज होकर वह धरने पर बैठ गईं और करीब दो घंटे वहां लदान के माल पर ही बैठी रहीं.
बाद में दो थानों के एसएचओ आए और उन्हें आश्वासन दिया है कि आज से चांदनी चौक को पूरी तरह ठीक कर दिया जाएगा. अलका ने बाजार की बदतर हालत के लिए पुलिस और एमसीडी के भ्रष्ट आचरण को जिम्मेदार ठहराया है और कहा है कि सुप्रीम कोर्ट से लेकर एनजीटी तक बाजार को दुरुस्त करने का आदेश जारी कर चुके हैं लेकिन कोई ऐक्शन नहीं हो रहा है. बाजार के कारोबारियों ने भी विधायक के बाजार को बचाने की गुहार लगाई है.
वाल्मिकी जयंती के अवसर पर अलका लांबा को दोपहर बाद चांदनी चौक में होने वाले एक कार्यक्रम में पहुंचना था. वह मेट्रो से चांदनी चौक स्टेशन उतरी और पैदल ही टाउन हाल की ओर चल पड़ीं लेकिन बताते हैं कि भारी ट्रैफिक, सड़कों पर अवैध पार्किंग और फुटपाथ व सड़कों पर हो रही लोडिंग-अनलोडिंग ने उन्हें आगे बढ़ने नहीं दिया.
उन्होंने काफी मशक्कत की लेकिन उस वक्त बाजार का हाल बुरा था. बल्लीमारान के बाहर उन्होंने देखा कि वहां सड़क पर ही लोडिंग-अनलोडिंग की जा रही है. इसको देखकर उन्होंने ट्रैफिक पुलिस और स्थानीय पुलिस वालों को फोन किया लेकिन किसी ने भी नहीं उठाया. जिसके बाद अलका वहां पड़े गट्ठरों पर ही बैठ गई और घोषणा कर दी कि जब तक हालात नहीं सुधरेंगे, वह बाजार से नहीं जाएंगी.
उनके धरने की खबर बाजार के दुकानदारों को भी मिल गई और वे भी वहां पहुंच गए. बाजार के चांदनी चौक सर्व व्यापार मंडल के प्रतिनिधि भी वहां पहुंचे और उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी के आदेश के अनुसार बाजार में न तो पार्किंग हो सकती है न दिन के वक्त लोडिंग-अनलोडिंग हो सकती है और न ही इफरात में रिक्शा चल सकते हैं लेकिन पुलिस व एमसीडी अफसरों के भ्रष्टाचार के चलते वहां सब हो रहा है.
इस दौरान वहां दो पुलिसवाले आए और उन्हें यह कहकर बेबसी जताई की पूरे बाजार की जिम्मेदारी उन पर है इसलिए वे कुछ नहीं कर सकते. अलका ने भी जानकारी दी कि जब वह बाजार में आ रही थी तो चार ट्रैफिक पुलिस वाले वहां आराम से बैठे हुए थे, जब उन्होंने बाजार का ट्रैफिक सुधारने के लिए कहा तो वे कहने लगे कि उनकी ड्यूटी तो जुलूस के लिए है.