नई दिल्ली : अमित शाह के बेटे की कंपनी की दौलत 16000 गुना होने की खबर को लेकर भारत के न्यूज़ चैनल किस तरह खौफजदा रहे होंगे इसका अंदाज़ा इस मामले से लग जाता है. इस मामले पर कांग्रेस की तरफ से उसके प्रवक्ता कपिल सिब्बल ने एक प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन किया था. लेकिन किसी चैनल ने इस प्रेस कांफ्रेंस को नहीं दिखाया. जनता का रिपोर्टर के मुताबिक इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को एनडीटीवी को छोड़कर सभी चैनल्स ने प्रसारित करने की जरूरत नहीं समझी. टाइम्स नाउ ने सिब्बल की इस प्रेस कॉन्फ्रेंस को केवल एक टिकर के रूप में (नीचे देखें) फ्लैश करने का फैसला किया.
इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता सिब्बल का कहना था कि किसी चैनल ने इसका प्रसारण नहीं किया, हो सकता है कि उच्च स्तर पर बैठे लोगों को अपनी पत्रकारिता को दिखाने का प्रयास किया गया हो. रिपब्लिक टी.वी, न्यूज 18, इंडिया टुडे और न्यूजएक्स भी सिब्बल की मीडिया ब्रीफिंग को कवर करने से डर रहे थे.
यहां तक कि समाचार एजेंसी ANI जो आम तौर पर सभी प्रमुख समाचार और घटनाक्रमों पर तुरन्त फ्लैश चमकाती है उसने भी इसे अनदेखा करने का फैसला किया. इसके बजाय इस समाचार एजेंसी प्रधानमंत्री मोदी की गुजरात यात्रा पर अपने ट्विटर हैंडल से नजर बनाए रखने में व्यस्त थी.
भारत में मीडिया द्वारा सरकार विरोधी खबरों को दबाने का उदाहरण पहली बार नहीं है. इससे पहले भी सरकार विरोधी आवाजों को मीडिया ने उठाने से मना कर दिया था. पिछले दिनों मोदी सरकार के फैसलों के खिलाफ पी चिदंबरम की प्रेस कॉन्फ्रेंस को याद किया जाए तब मीडिया ने उसे न दिखाने का फैसला लिया था. इसके अलावा पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा ने मोदी सरकार की गलत आर्थिक नीतियों की कड़ी आलोचना की थी तब भी मीडिया ने इस पर किसी तरह की कोई डिबेट, कार्यक्रम या कवरेज से परहेज रखा था.