अमेठी : अमेठी में अमित शाह आए तो राहुल गांधी को दबाव में लेने थे लेकिन हालात ऐसे बने कि उन्होंने निकल जाने में ही भलाई समझी. दरअसल बीजेपी के नेशनल प्रेसिडेंट अमित शाह केंद्र की 106 योजनाओं की लिस्ट लेकर अमेठी आए थे. वो मंच पर सरकार का गुणगान कर ही रही थे कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के हुजूम ने नारे लगाने शुरू कर दिए.
हालात ये थे कि अमित शाह समझ नहीं पा रहे थे कि क्या करें. उधर कार्यकर्ताओं को चुप कराने के लिए योगी के मंत्री और डीएम उन्हें धमकाते नज़र आए लेकिन. विरोध के सामने उनकी एक न चली. बीजेपी अध्यक्ष श्री शाह ने इस विरोध को तुरंत भांपा और फिर इस शुरू हुए विरोध के 2 मिनट के बाद अपनी वाणी को विराम दिया.
यही नहीं श्री शाह इसके बाद मंच पर टिके भी नहीं फौरन चलने के लिए रवाना हो गए. उनके पीछे सीएम योगी, मंत्री की फौज सब चल पड़े.
अमित शाह ने अपने भाषण में कभी राहुल गांधी को शहज़ादा तो कभी किसानों की ज़मीन कब्जा करने वाला बताया और तो और ये दावा भी किया कि अमेठी में नेहरु-गांधी परिवार ने नहीं, मोदी सरकार ने विकास की बयार बहाई.
इस पर लोगों ने कहकहा भी लगाया हूटिंग भी हुई और तालियां भी बजीं लेकिन उस समय श्री शाह के विकास के दावे खोखले नज़र आने लगे जब उनके मंच से क़रीब 40 मीटर दूर बाईं तरफ खड़ी सैकड़ों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए पोस्टर हाथों में उठा लिया.
वहां तैनात बीजेपी के वॉलेन्टियरों ने आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओंको धमकाना शुरू कर दिया. तब तक पुलिस भी उधर आ धमकी. उसने भी इन्हें इस नारे लगाने से रोका. बस इसके बाद तो पहले से भरी बैठी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का पारा सातवें आसमान पर पहुंच गया.
फिर क्या था एक ओर अमित शाह का भाषण चल रहा था और दूसरी ओर आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के नारे.
वैसे राजनीति के मास्टर माइंड बीजेपी अध्यक्ष श्री शाह ने इस विरोध को तुरंत भांपा और फिर इस शुरू हुए विरोध के 2 मिनट के बाद अपनी वाणी को विराम दिया.
यही नहीं श्री शाह इसके बाद मंच पर टिके भी नहीं फौरन चलने के लिए रवाना हो गए. उनके पीछे सीएम योगी, मंत्री की फौज सब चल पड़े.
15 मिनट तक नारेबाजी करती रहीं आंगनबाड़ी उधर ये सभी हैलिपैड और गाड़ियों में जगह लेने के लिए गए तब इधर राज्यमंत्री सुरेश पासी और डीएम योगेश कुमार इनके पास पहुंचे. बड़ों की अनदेखी के बाद मंत्री और डीएम को पाकर आंगनबाड़ी बिफर गईं. उन्होंने सरकार के विरुद्ध नारे लगाने शुरू कर दिए.
‘हमारी मांगे पूरी हो, चाहे जो मजबूरी हो’. योगी तेरी तानाशाही नही चलेगी-नहीं चलेगी. इस तरीके के नारे क़रीब 15 मिनट तक लगे.
आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं का कहना था कि सरकार में आने से पूर्व सीएम योगी ने उनकी मांग पूरी करने की बात कही थी.
समिति के निर्णय के बाद होगा फैसला फिलहाल इस मामले पर अमेठी के डीएम योगेश कुमार का कहना था कि सरकार ने इसके लिए एक राज्य स्तरीय समिति बना दी है, उसके निर्णय आने के बाद ही फैसला हो पाएगा.
उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओंके समस्त पत्रों को सरकार को भेजा जा चुका है फिर भी ये मानने को तैयार नहीं हैं.