नई दिल्ली.सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को राहुल गांधी से आरएसएस को महात्मा गांधी का हत्यारा बताने के मामले में माफी मांगने या फिर मानहानि केस में ट्रायल के लिए तैयार रहने को कहा। कोर्ट ने कहा कि नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी को मारा या आरएसएस के लोगों ने महात्मा गांधी को मारा। इन दोनों बातों में बहुत फर्क है। मामले की अगली सुनवाई 27 जुलाई को होगी।
राहुल ने कब दिया था ये बयान और क्या कहा कोर्ट ने…
- राहुल गांधी ने यह बयान 6 मार्च, 2014 को मुंबई के भिवंडी के सोनाले इलाके में एक पब्लिक रैली में दिया था।
- उन्होंने कहा था- “आरएसएस के लोगों ने महात्मा गांधी को मारा था।”
- इस बयान के बाद, आरएसएस की एक शाखा के सेक्रेटरी राजेश कुंटे ने राहुल के खिलाफ भिवंडी के लोकल कोर्ट में यह क्रिमिनल केस किया था।
- कुंटे का आरोप था कि इससे आरएसएस की छवि खराब हुई है। यह बयान जानबूझकर दिया गया है।
- राहुल ने सुप्रीम कोर्ट से यह केस खारिज करने की मांग की थी।
सुप्रीम कोर्ट ने क्या कहा?
- कोर्ट ने मंगलवार को कहा-“आप किसी को पब्लिकली क्रिटिसाइज नहीं कर सकते। हम सिर्फ यह जांच कर रहे हैं कि उन्होंने ( राहुल गांधी ने) जो बयान दिए क्या वो मानहानि के दायरे में हैं या नहीं। हालांकि, कोर्ट ने कहा कि आपको केस में ट्रायल फेस करना चाहिए।”
“राहुल को यह प्रूव करने की जरूरत थी कि आरएसएस के खिलाफ दिया बयान लोगों के हित में था। चूंकि यह ट्रॉयल से जुड़ा मामला था।”
सुनवाई के दौरान राहुल गांधी के वकीलों ने उनके बयान को सही ठहराने की कोशिश की। और दलील दी कि यह ऐतिहासिक फैक्ट है। इसके अलावा सरकारी रिकॉर्ड में यह दर्ज है।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा- “यदि राहुल गांधी खुद को डिफेंड करना चाहते हैं और माफी मांगने के लिए तैयार नहीं हैं तो यह अच्छा होगा वे ट्रॉयल का सामना करें।”