दुनिया के जाने माने अर्थशास्त्री आमर्त्य सेन ने कश्मीर में प्रदर्शनकारियों के साथ सरकार के बर्ताव को हिंसक और खौफनाक बताया है. उन्होंने कहा कि कश्मीर की समस्या कानून व्यवस्था की समस्या नहीं है बल्कि उसका समाधान कुछ और है. उन्होंने कहा कि सरकार ने समस्या को गलत तरीके से हल करने की कोशिश की जिससे हालात बिगड़े. पत्रिका इंडिया टुडे को दिए अपने इंटरव्यू में उन्होंने ये बात कही.
उन्होंने कहा कि पिछले कई दशकों से उस समस्या को गलत नज़रिए से देखा जा रहा है. कश्मीर भारत जैसे बडए लोकतंत्र पर काला धब्बा है. उन्होंने कहा कि कश्मीर में जिस तरह प्रदर्शनकारियों के साथ सरकार का रवैया है उससे कश्मीरियों के भारत को नज़दीक आने की उम्मीद नहीं की जा सकती.
विदेशी निवेश पर कश्मीर समस्या के असर के बारे में आमर्त्य सेन ने कहा कि मोदी को निवेश मिलता है या नहीं इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. उन्होंने कहा कि कश्मीरी स्वतंत्र जीवन जिएं और भारत के साथ रहकर गौरव का अनुभव करें ये ज्यादा महत्वपूर्ण है.
जाने-माने पत्रकार करण थापर को दिए अपने इ़टरव्यू में आमर्त्य सेन ने कहा कि चीन अपने GDP का 3% स्वास्थ्य पर खर्च करता है जबकि भारत सिर्फ 1%. उन्होंने कहा कि जीडीपी कितनी बढ़ती है इससे ज्यादा अहम ये है कि उसका फायदा आम भारतीयों को कितना मिलता है.