पटना : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने प्राइवेट सेक्टर में भी आरक्षण की वकालत की है. सोमवार को राजधानी पटना में उन्होंने कहा कि मेरी राय है कि निजी क्षेत्र में भी आरक्षण होना चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने इस पर राष्ट्रीय स्तर पर बहस किए जाने की बात भी कही.
नीतीश कुमार ने कहा कि आरक्षण एक्ट को ध्यान में रखकर आउटसोर्सिंग में आरक्षण लागू करने का फैसला किया गया है. अगर किसी कर्मचारियों को सरकारी फंड से सैलरी दी जा रही है तो उसमें आरक्षण लागू करना एक्ट के मुताबिक है, इसमें गलत क्या है? मैं व्यक्तिगत तौर पर निजी क्षेत्र में भी आरक्षण लागू करने का पक्षधर हूं लेकिन अभी यह बहस का मुद्दा है और संसद से पास नहीं हुआ है.
उन्होंने कहा कि जो लोग आरक्षण का विरोध कर रहे हैं उनके पास बुनियादी जानकारी नहीं है. ऐसे लोग बुनियादी चीजों को बगैर समझे ही बयानबाजी कर रहे हैं.
प्राइवेट नौकरियों में भी आरक्षण का प्रस्ताव बहुत पुराना है लेकि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस जैसी धारणा वाले सत्ताधारी मानते हैं कि इससे उद्योगपति नाराज़ हो जाएंगे.
हाल के दिनों पर सतापक्ष और विपक्ष के बीच बयानबाजी को लेकर सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि मैं 1974 से राजनीति में हूं लेकिन मैंने कभी भी विरोधियों के बारे में गलत बयानाबाजी नहीं की और जो लोग कर रहे हैं उन्हें मुबारक हो. लोग सत्ता जाने से विचलित हो गए हैं और जुबान खराब हो गई है. मैंने अपनी पार्टी के प्रवक्ताओं को कहा हूं कि मेरे बारे में किसी भी अपशब्द का वो जबाव नहीं दें.
उन्होंने कहा कि जब सत्ता में थे तो राजद की तरफ से मुझपर दबाब डाला जा रहा था, शराब माफिया और बालू माफिया को संरक्षण दिया जा रहा था. मैंने बहुत मुश्किलों को झेला है, लाॉ और ऑर्डर को संभालना मुश्किल हो गया था, इसीलिए मुझे गठबंधन तोड़ना पड़ा.