नई दिल्ली : हाल ही में सरकार ने फास्टटैग लगाना अनिवार्य करने का एलान किया तो भौंपू मीडिया ने जश्न मनाना शुरू कर दिया. कहा जाने लगा कि 1 दिसंबर से बाज़ार में आने वाली हर कार पर फास्टैग लगेगा. इसे बड़ी भारी तकनीकी कामयाबी बताया गया कहा गया कि इससे डिजीटल इंडिया मजबूत होगा. लेकिन इस फास्टैग नीति का काला पक्ष ही है बल्कि कहें कि ये सरका की सोची समझी रणनीति बल्कि जनता के नज़रिए से कहें कि साजिश का हिस्सा है. सरकार रेल सफर को महंगा बनाने के बाद अब सड़क मार्ग पर चलने को बेहद महंगा और दूभर बनाने की तैयारी में है और फास्टैग उसका हिस्सा है.
केन्द्र की नयी परिवहन नीति में प्रावधान है कि टोल की वसूली किलोमीटर के हिसाब से की जाए. कोशिश है कि हर वाहन से हाईवे पर चलने पर कम से कम पांच रुपये किलोमीटर की दर से टोल वसूल किया जाए. आने वाले समय में हर साठ किलो मीटर पर एक टोल प्लाज़ा होगा जिस पर लोगों से 300 रुपये वसूल किए जाएंगे. जाहिर बात है कि टोल बढ़ने से बसों का किराया भी बढ़ जाएगा.
लोग टोल चुकाने में आनाकानी न करें इसके लिए फास्टैग लगाए जा रहे हैं. इन फास्टैग से हाईवे पर चलते ही अपने आप पैसे कट जाएंगे. प्रीपेड मोबाइल की तरह इन फास्टैग में पहले पैसे भरवाने होंगे.
नॉकिंग न्यूज़ ने 11 मई को ही खबर दे दी थी कि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के पास सुझाव आया है कि टोल टैक्स प्रति किलोमीटर की दर से वसूला जाए. इस पर विचार विमर्श किया जा रहा है.
इतना ही नहीं जिन सड़कों पर अभी टोल नहीं लग रहा उन्हें भी टोल के दायरे में लाने का काम चल रहा है. हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी ने दिल्ली मेरठ के बीच हाईवे को चौड़ा करने का काम शुरू किया है. इसके साथ ही इस पर टोल भी लग जाएगा. अभी दिल्ली से मेरठ का आना जाना फ्री है. इसी तरह देश की हर सड़क पर हर 60 किलोमीटर के बाद टोल कटने लगेगा.
एक अधिकारी ने बताया, नैशनल हाइवे पर टोल टैक्स को लेकर अकसर विवाद होता रहा है. ऐसे में प्रति किलोमीटर के रेट से टोल टैक्सो वसूला जाता है तो कम दूरी तय करने वाले वाहनों को कम टैक्स देने पड़ेगा.
गौरतलब है कि अभी नैशनल हाइवे पर लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर टोल प्लालजा बनाया जाता है और टोल कंपनियों की मांग को देखते हुए लगभग हर साल टोल दरों में वृद्धि की जाती है.
इन दिनों औसतन 5 रुपए प्रति किलोमीटर की दर से टोल टैक्स वसूला जाता है, लेकिन नई पॉलिसी पर टोल रेट में संशोधन को लेकर भी नए सिरे से विचार किया जाएगा.
शुरू हो चुकी है नयी पॉलिसी
जानकारी के मुताबिक, सबसे पहले अगस्त में शुरू हो रहे ईस्ट र्न पेरिफिरल एक्ससप्रेस-वे पर नई पॉलिसी के मुताबिक, टोल टैक्स् वसूली शुरू भी हो जानी थी. यह एक्सप्रेस वे पलवल-गाजियाबाद-कुंडली के बीच बन रहा है, जो लगभग 135 किलोमीटर लंबा है.
इससे पहले टोल पॉलिसी पर काम करने को कहा गया है, ताकि अगस्त तक इसे लागू किया जा सके. एक्सप्रेस-वे पर इसे प्रयोग के तौर पर शुरू किया जा सकता है.
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