नई दिल्ली : केरल के कन्नूर में राजनीतिक अदावत कहां तक पहुंचेगी भगवान जाने लेकिन ये हिंसक गैगवार की शक्ल लेने लगी है. एक बार फिर केरल में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ता की बिल्डिंग में धमाका होने की खबर है. घटना स्थल से करीब आधा किलो खतरनाक विस्फोटक भी बरामद किया गया है.
घटना कन्नौर की बताई जाती है. एएनआई के अनुसार इमारत वलयंगादन रघु की है, जो संघ के सक्रिय कार्यकर्ता हैं. हालांकि इमारत को कितना नुकसान पहुंचा या घटना के वक्त लोग इमारत में थे, इसकी जानकारी हासिल नहीं हो सकी है. पुलिस ने मामले में जांच शुरू कर दी है. माना जा रहा है कि संघ का कार्यकर्ता रघु की इमारत में बम बनाए जा रहे थे , लेकिन इस तरह का नतीजा निकालना ज़ल्दबाज़ी होगी.
उन्होंने कहा था कि केरल में साम्यवादियों की गुंडागर्दी और अराजकता है. दरअसल योगी तब केरल की यात्रा पर थे. जहां उन्होंने कहा, ‘केरल में साम्यवादियों की गुंडागर्दी और अराजकता है. भाजपा ने उस अराजकता के खिलाफ पद यात्रा की जिसमें मैं शामिल हुआ.
वह निर्मम हत्याएं कर रहे और बाकायदा धमकी देकर. देश के अंदर जो भी जहां भी अराजकता फैलाएगा, उसके खिलाफ हम एक जुट होंगे. हालांकि केरल की हिंसा में किसी एक पक्ष को दोषी ठहराना ठीक नहीं होगा. जब से केरल में संघ सक्रिय हुआ है ये टकराव बढ़े हैं और दोनों तरफ से मरने वालों की संख्या करीब करीब बराबर ही बनी रहती है.
इतिहासकार मानते हैं कि केरल के कन्नूर जिले में सबसे ज्यादा राजनीतिक हिंसा की घटना हुई है.आरटीआई के खुलासे से पता चला है कि कन्नूर में जनवरी 1997 से मार्च 2008 के बीच 56 राजनीतिक कार्यकर्ताओं की हत्या हुई.
सीपीएम नेता वी एस अच्युतानंद भी कन्नूर को राजनीतिक हिंसा का गढ़ मानते हैं.बताया जा रहा है कि 1977 में आपाताकाल के बाद आरएसएस के शाखाओं में जबर्दस्त वृद्धि देखने को मिली. कम्युनिस्ट पार्टी से भारी संख्या में लोग संघ के शाखाओं में आने लगे. मार्च 2015 तक दोनों ओर से चले खूनी वार में दोनों ओर से 200 कार्यकर्ताओं की जान गयी है.