नई दिल्ली : रेस्ट्रां में खाने पर लगाया 28 फीसदी का जीएसटी वापस तो ले लिया गया है लेकिन लोगों को इसका फायदा कम ही मिलता दिख रहा है. रेस्ट्रां के मालिक अपने सामान की कीमत बढ़ाकर टैक्स की भरपाई करने की तैयारी में हैं. कांउसिल का कहना है कि रेस्टोरेंट इनपुट टैक्स क्रेडिट (आईटीसी) का बेनिफिट कस्टमर्स को नहीं दे रहे थे. इस लिए इनपुट टैक्स क्रेडिट को वापस ले लिया गया है.
इनपुट टैक्स क्रेडिट के वापस लेने से नाराज कई रेस्टोरेंट के मालिक मैन्यू प्राइस में 10 प्रतिशत तक का इजाफा करने का प्लान कर रहे हैं. अगर ऐसा होता है तो कस्टमर्स को जीएसटी के घटे स्लैब का फायदा नहीं मिल पाएगा. हालांकि जब तक ऐसा रोस्टोरेंट मालिक ऐसा निर्णय नहीं लेते, तब तक के लिए कस्टमर्स को इसका फायदा मिलेगा.
अभी तक नॉन एसी रेस्टोरेंट्स में खाने पर 12% और एसी रेसटोरेंट्स में खाने में 18% का जीएसटी देना होता था. सरकार ने इनपुट टैक्स क्रेडिट को वापस ले लिया. ऐसे में अब एसी या नॉन एसी रेस्टोरेंट में खाने पर 5% जीएसटी देना होगा.
जीएसटी काउंसिल गुड्स एंड सर्विसेस टैक्स के रिव्यू के लिए बनाया गया है। इसमें केंद्र और राज्य के रिप्रेजेंटेटिव शामिल हैं। ये काउंसिल जीएसटी के होने वाले सुधार और दिक्कतों पर चर्चा करती है.
15 नवंबर से नया टैक्स स्लैब
178 आइटमों पर घटाई गईं नई टैक्स दरें 15 नवंबर से प्रभावी होंगी. जेटली ने भी माना कि जिन वस्तुओं को 28 से 18 प्रतिशत के टैक्स स्लैब में लाया गया है, वे पहले ही उसी स्लैब में होनी चाहिए थी. जीएसटी की नई दरों से सरकार को तकरीबन 20 हजार करोड़ रुपये का घाटा होगा.