एक तरफ दिल्ली में विधायकों को झूठे मामलों में फंसाने के स्टिंग ऑपरेशन सामने आ रहो हौं तो दूसरी तरफ पुलिस को अमानवीय हि़सा और बलात्कार जैसे मामलों में पुलिस को सख्त नोटिस मिल रहे हैं.
राष्ट्रीय राजधानी के एक अस्पताल में शनिवार को 14-वर्षीय दलित लड़की की मौत हो गई, जिससे कई बार बलात्कार किया गया था और जबरन जहरीला पदार्थ पिला दिया गया था। इस घटना से क्षुब्ध डीसीडब्ल्यू प्रमुख ने केंद्र और दिल्ली पुलिस पर महिला सुरक्षा के मुद्दे पर जमकर भड़ास निकाली।
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने ट्विटर पर लिखा, ‘दिल्ली को और कितने निर्भया की जरूरत है? हम अगले निर्भया के मरने का इंतजार करते रहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘लड़की को जबरन जहरीला पदार्थ खिलाया गया जिससे उसके अंदरूनी अंग पूरी तरह खराब हो गए और उसकी काफी दर्दनाक स्थिति में मौत हो गई।’ उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा डीसीपी (उत्तर) को नोटिस जारी करने के बाद खुलेआम घूम रहे आरोपी को गिरफ्तार किया गया।
उन्होंने केंद्र से गृह मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में महिला सुरक्षा पर उच्चस्तरीय मंत्रिमंडल समिति गठित करने को कहा। मालीवाल ने ट्वीट कर कहा, ’14-वर्षीय पीड़ित के अभिभावकों के साथ हूं जो काफी गरीब और शोकाकुल हैं। दिल्ली और कितने निर्भया चाहती है? हम सब अगली निर्भया की मौत का इंतजार करते रहते हैं।’ उन्होंने कहा, ‘गृह मंत्रालय ने महिला सुरक्षा विशेष कार्यबल को दिल्ली में भंग कर जख्म पर और नमक छिड़क दिया।’
मालीवाल ने कहा, ‘वह मर चुकी है। हमारी व्यवस्था जिम्मेदार है। कभी इतना असहाय महसूस नहीं किया। कुछ करने की जरूरत है।’ मालीवाल ने हाल में दिल्ली में महिला सुरक्षा पर बने विशेष कार्यबल को भंग करने के लिए केंद्र की आलोचना की। इसका गठन 2013 में निर्भया गैंगरेप के बाद किया गया था।