भोपाल। सिंहस्थ खत्म होने के बाद अब मध्यप्रदेश में बीजेपी सरकार के करप्शन के खेल सामने आ रहे हैं. जो जानकारियां अब सामने आ रही हैं वो खाउंगा न खाने दूंगा का नारा देने वाली बीजेपी का दूसरा चेहरा द्खाती हैं. इस घोटाले की बानगी देखिए..
१. सरकार ने 1 मटका खरीदने को लिए 800 रुपये खर्च किए और दो चार नहीं पूरे 16 करोड़ के मटके खरीद डाले वो भी मोटर पार्टस की दुकान से दो चार नहीं 150 करोड़ खर्च किए.
2. सरकार ने एक थर्मस खरीदने के लिए 1400 रुपये का भुगताम किया.
3. नाश्ते की एक प्लेट पर 1625 रुपये खर्च किए.
ये आरोप खोखले नहीं हैं बल्कि बाकायदा इसके दस्तावेज हैं. विधानसभा में बाकायदा इससे जुड़े कागजात पेश किए गए.
ब्लैक लिस्टेड कंपनी को 117 करोड़ का काम दे दिया
सिर्फ ऑटोपार्ट्स की दुकान से सरकार ने मटके खरीदने का कमाल ही नहीं किया. ब्लैकलिस्टेड कंपनियों को भी ठेके बांटे. कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने कहा कि अनुपूरक बजट में बकाया भुगतान के लिए फिर 400 करोड़ का प्रावधान कर दिया गया है। 2004 के सिंहस्थ में जिस कंपनी को ब्लैक लिस्ट किया गया था, उसे 117 करोड़ रुपए का काम दे दिया गया। 35 हजार शौचालय में से 40 फीसदी तो बने ही नहीं और भुगतान हो गया। कचरा उठाने का ठेका 40 करोड़ में दे दिया।
अब आप समझ गए होंगे कि 1200 करोड़ रुपए खर्च करने के बाद भी कुपोषण में मध्यप्रदेश देश में दूसरे नंबर पर है।