अहमदाबाद: कांग्रेस ने गुजरात में ईवीएम मशीनों में ब्लूटूथ के जरिए छेड़छाड़ की आशंका जताई है. उसने इस संबंध में चुनाव आयोग को शिकायत की है. आयोग ने विशेषज्ञों को जांच के लिए मौके पर भेजा है. ईवीएम मशीनों के ब्लूटूथ से कनेक्ट होने का यह मामला पोरबंदर में सामने आया.
गुजरात में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अर्जुन मोढ़वाडिया ने पोरबंदर के एक मुस्लिम बहुल इलाके के तीन मतदान केंद्रों पर ईवीएम से संभावित छेड़छाड़ की शिकायत की और कहा कि कुछ मशीनें ब्लूटूथ के जरिए बाहरी उपकरणों से जुड़ी पाई गई हैं. चुनाव आयोग ने कहा कि कांग्रेस नेता की शिकायत पर जांच शुरू कर दी गई है.
KnockingNews ने इस मामले पर कई विशेषज्ञों से बात की. हमने जानने की कोशिश की कि अगर मामला ईवीएम में गड़बड़ी का नहीं है तो क्या हो सकता है. ECO-105 का सीक्रेट ऐसा कोड था जिसे डिकोड किया जाना था.
पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले ये जानना चाहा कि क्या ब्लू टूथ को बिना शो किए संवाद किया जा सकता है. मोबाइल और संचार मामलों के जानकार सतीश शर्मा का कहना था कि टैक्नोलॉजी में संभव है कि आप ब्लूटूथ से जुड़े हों और किसी डिवाइस में सर्च न किए जा सके. शर्मा कहते हैं कि जिसे ईवीएम जैसी धांधली करनी होगी वो कभी अपने ब्लूटूथ को पहचान देकर सार्वजनिक रूप से सर्चेबल नहीं बनाएगा.
इसके बाद दूसरा सवाल था कि अगर ईवीएम नहीं तो वो कौनसी डिवाइस रही होगी जो ईसीओ-105 बनकर संकेत देती है. जिसकी ब्लूटूथ आइडेंटिटी ईसीओ -105 है.
हमने दिल्ली के बड़े हब गफ्फार मार्केट में तलाश की चुनाव केन्द्र के अंदर किसी स्पीकर और दूसरी ब्लूटूथ दिवाइस को होने की गुंजाइश बहुत कम थी केवल मोबाइल फोन ही ऐसा था .
बहुत खोज करने और पचासों मोबाइल फोन के मॉडल पेयर करने पर एक मोबाइल सामने आया. ये मोबाइल था इनटेक्स का ECO-105 मोबाइल फोन . ये फीचर फोन मोबाइल फोन में सर्च करने पर ईसीओ-105 दिखाता है.
चुनाव आयोग की जांच अभी बाकी है और अगर ईवीएम में गड़बड़ी नहीं निकलती(हालांकि इसकी संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता) तो राजकोट में मोडवाडिया के मोबाइल पर दिखाई दे रहा ECO -105 कुछ और नहीं वहां आसपास मौजूद इनटेक्स का मोबाइल था जिसका ब्लूटूथ सर्चेबल कंडीशन में ऑन था.