कोई बड़ी बात नहीं है आने वाले सालों में स्कूल कॉलेज की पढ़ाई में बच्चों को गौसेवकों और राम मंदिर आंदोलन के कारसेवकों का महिमा मंडन पढ़ने को मिले. किसी किताब में लिखा हो कि आर्य बाहर से नहीं आए थे और अकबर उदार राजा न होकर मुस्लिम आक्रांता था. केन्द्र सरकार जो नई शिक्षा नीति लाने जा रही है उसमें RSS के संगठनों से विचार विमर्श किया जै रहा है. खुद मानव संसाधन प्रकाश जावड़ेकर संघ के नेताओं से मिलकर उनके इनपुट ले रहे हैं. दूसरे शब्दों में कहें तो नई शिक्षा नीति पर भगवाकरण की झलक भी देखने को मिल सकती है.
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक एचआरडी मंत्री प्रकाश जावड़ेकर शिक्षा में बदलाव लाने के लिए राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों से मिले और राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर बंद दरबाजों के पीछे लंबी बातचीत हुई। जावड़ेकर ने गुजरात भवन में शिक्षा क्षेत्र में कार्य कर रहे संगठनों के कार्यकर्ताओं से करीब 6 घंटे तक चर्चा की।
संघ के कार्यकर्ता जावड़ेकर से विद्या भारती, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ, भारतीय शिक्षण मंडल, संस्कृत भारती, शिक्षा बचाओ आंदोलन, विज्ञान भारती और इतिहास संकलन योजना के प्रतिनिधि के तौर पर मिले.
शिक्षा नीति में बदलाव लाने की चर्चा के दौरान बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, आरएसएस के ज्वाइंट जनरल सेक्रेटरी कृष्ण गोपाल, अनिरुद्ध देशपांडे और आरएसएस अखिल भारतीय संपर्क प्रमुख भी मौजूद रहे.