नई दिल्ली : गौशाला दिल्ली नगर निगम की है. इसे चलाने वाली बीजेपी है. उसके महापौर खानदानी समर्पित संघ कार्यकर्ता है. उनके पिता सांसद रहे हैं. लेकिन 1500 के करीब गौवंश की मौत के आंकड़े देखिए. 113 दिन में 1475 मौतों की खबर आई है. ट्रक में गाय मिल जाने और सिर्फ गाय की हत्या की आशंका में पहलू खान को पीट-पीट कर मार देने वाले संघ परिवार ने इस खबर पर चूं तक नहीं किया है. ये आंकड़े खुद नगर निगम के रिकॉर्ड में हैं . गौशाला में गौवंश की आवक जावक के लिए रखे गए रजिस्टर में यही आंकड़े दर्ज है. यही वो रजिस्टर है जिसके आधार पर देश का प्रधानमंत्री भी बयान देगा.
आपको अंदाज़ भी नहीं होगा कि बीजेपी शासित नगर निगम हर साल गायों के खाने पीने पर दस बीस लाख नहीं पूरे पांच करोड़ खर्च करती है. इसके बावजूद शहर से पकड़कर लाए जा रहे नए सांड और गायों की बडी संख्या में मौत हो रही है.
नगर निगम की लालटिपारा गौशाला में वर्तमान में 6000 की संख्या में गौवंश है. इनमें शहर से पकड़कर लाए गए 2800 सांड व 3200 गाय हैं. इनके साथ कई बछिया और बछड़े भी गौशाला में हैं. हालांकि गौवंश की मौत की वजह जानने के लिए डॉक्टरों ने पूर्व में कुछ सांड और गायों का पोस्टमार्टम किया था. जिसमें उनके पेट से 4 से 5 किलो पॉलीथिन निकली थी.
दवाईयों और इलाज के लिए पशु चिकित्सालय भी नगर निगम की लालटिपारा गौशाला में तत्कालीन संभागीय आयुक्त एसएन रूपला ने मेला ग्राउण्ड से शिफ्ट करा दिया था. लेकिन फिलहाल हर दिन हो रहीं दर्जनों मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है.
यह है प्रतिमाह मौत का आंकड़ा
अगस्त 2017: 25 से 31 तक 106
सितम्बर 2017 411
अक्टूबर 2017 345
नवम्बर 2017 394
दिसम्बर 1 से 15 तक 219
उधर अपनी खुद की गौशालाओं में गायों की मौत के लिए नगर निगम पॉलीथीन के सिर ठीकरा फोड़ने में लगी है. महापौर विवेक शेजवलकर कहते हैं कि शहर में पॉलीथीन पर जबतक प्रतिबंध नहीं लगता गायों को बचाना मुमकिन नहीं है. मज़ेदार बात ये है कि पॉलीथीन पर रोक लगाने का काम भी नगर निगम का ही है.