गुजरात में ईवीएम पर शक करने के ये हैं ठोस कारण

गांधीनगर: अगर आप ईवीएम में गड़बड़ी के आरोपों में यकीन करते हैं तो ये खबर आपके लिए है. ईवीएम को लेकर ये जो आंकड़े सामने आ रहे हैं इनका उत्तर चुनाव आयोग शायद ही कभी दे सके.

द्वारका का घपला !

द्वारका में EVM में दिए गए वोटों के मुकाबले ज्यादा वोट निकलने पर इलेक्शन कमीशन में शिकायत की गई.

दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, द्वारका-82 विधानसभा के एक बूथ पर EVM में 496 वोट डाले गए थे. इस EVM की गिनती होने पर इसमें से 536 वोट निकले. कांग्रेस ने EVM और वोट में गड़बड़ी होने की इलेक्शन कमीशन से शिकायत की है.

विधानसभा चुनाव में EVM को लेकर अनेक सवाल उठ रहे हैं. EVM को लेकर कांग्रेस अब तक एक दो नहीं पूरी 39 शिकायतें कर चुकी है. मतदान के दिन EVM के ब्लू टूथ या वाईफाई के साथ कनेक्ट होने की इलेक्शन कमीशन से शिकायत की गई थी.

शहरों में ही जीत क्यों

जैसे इंटरनेट नेटवर्क और दूसरी सुविधाओं की ज़रूरत होती है. ईवीएम में गड़बड़ी का दावा करने वाले मानते हैं इसीलिए बीजेपी को शहरों में ज्यादा सफलता मिली है.

बीजेपी को 7 जिलों में एक भी सीट नहीं, 8 में मिली केवल एक-एक सीट

विधानसभा चुनाव में 33 में से 15 जिलों में बीजेपी की करारी हार हुई है. बीजेपी को 7 जिलों में एक भी सीट नहीं मिली, जबकि 8 जिलों में एक-एक सीट से कुछ संतोष हुआ. इस परिणाम से 2019 के लोकसभा चुनाव में भारी उलटफेर हो सकता है. 2013 में बनाए गए 7 नए जिलों से बीजेपी को केवल दो सीटें मिलीं.

मोरबी, गिर-सोमनाथ, अमरेली, नर्मदा, तापी, डांग, अरावली जिले की 21 सीटों में से बीजेपी एक भी नहीं जीत पाई. कांग्रेस को 25% सीटें तो यहीं से मिल गई थी. सुरेन्द्रनगर, देवभूमि द्वारका, पोरबंदर, जूनागढ़, बोटाद, पाटण, महिसागर और छोटा उदेपुर की 26 सीटों में से बीजेपी को एक-एक सीट यानी कुल 8 सीटें मिली हैं. जबकि कांग्रेस 18 पर विजयी रही.

ईवीएम पर टिप्पणी करने वाले मानते हैं कि पूरे गुजरात में गड़बड़ी कहने से बेहतर है कि कुछ चुनिंदा इलाकों को टारगेट किया जाए. तकनीकी रूप से ये सही है और बीजेपी ने भी शायद यही किया होगा इसीलिए उसकी जीत कुछ चुनिंदा स्थानों पर ही जबरदस्त हुई.

वरिष्ठ पत्रकार ओम थानवी ने पत्रकार शीला भट्ट के विश्लेषण के हवाले से लिखा है कि अहमदाबाद में भाजपा ने 21 में 16 सीटें जीतीं, सूरत की 16 सीटों में 15,वडोदरा की 10 में से 9 और राजकोट में 8 में से 6 सीटें जीतीं.

ग्रामीण क्षेत्रों में बीजेपी की हार

यानी प्रदेश के चार बड़े शहरों की 55 सीटों में 46 भाजपा को मिली हैं. अब घड़ी भर को इन चार शहरों को अलग रख कर देखें. तो बाक़ी 127 सीटों में किसको क्या मिला –

भाजपा – 53

कांग्रेस – 71

अन्य को – 3

ज़ाहिर है, भाजपा की जीत महज़ चार शहरों की जीत है, समूचे गुजरात राज्य की तो नहीं. लेकिन इन सभी तर्कों को बीच फिर से ईवीएम को लेकर बड़े सवाल खड़े हो रहे हैं. अब इनमें से किस मसले पर राजनीति आगे बढ़ेगी ये कहना अभी तो बहुत मुश्किल है.