मीडिया में आतंकी खबरों के बीच आतंकियों की फोटो लगाने को लेकर कई बार ये बहस होती है कि मीडिया उन्हें ग्लोरीफाई कर रहा है। ऐसे में फ्रांस में लगातार बढ़ रहे आतंकी हमलों के बीच वहां के कई प्रकाशनों (publications) और प्रसारणकर्ताओं (broadcasters) ने निर्णय लिया है कि वे इस्लामिक स्टेट ग्रुप से जुड़े आतंकियों के नाम और फोटो का प्रकाशन नहीं करेंगे। ये सभी मीडिया संस्थान इस बात को लेकर काफी सतर्क हैं कि आतंकी के मरने के बाद उसकी कवरेज कर उसे महिमामंडित न किया जाए। इस नीति का पालन करने का निर्णय लेने वालों में फ्रांस के अखबार ‘Le Monde’ और टेलिविजन चैनल ‘BFM TV’ का नाम भी शामिल है। इस निर्णय को लेकर फ्रांस की संसद में भी बहस छिड़ गई है।
‘Le Monde’ के डायरेक्टर जीरोम फिनोगिलो (Jerome Fenoglio) ने अपने अखबार में छपे एडिटोरियल में कहा है कि वह अपने अखबार में आतंकियों के फोटो नहीं छापेंगे ताकि इन आतंकियों की छवि हीरो की न बने। उन्होंने अन्य न्यूज मीडिया प्रतिष्ठानों को भी जिम्मेदारी का अहसास कराते हुए इस निर्णय का पालन करने की अपील की है।
अखबार का कहना है कि उसने यह निर्णय इस महीने उस आतंकी घटना के बाद लिया है जिसमें एक ट्रक से कुचलकर कई लोगों की हत्या कर दी गई थी।
वहीं टेलिविजन चैनल ‘BFM TV’ का भी कहना है कि वह अपने चैनल पर आतंकियों के चेहरे नहीं दिखाएगा। गौरतलब है कि ‘BFM TV’ की कवरेज की उस समय काफी आलोचना हुई थी जब जनवरी 2015 में पेरिस के सुपर मार्केट में एक आत्मघाती हमला हुआ था। इस घटना में चार बंधक मारे गए थे जबकि अन्य छह पीडि़तों ने चैनल पर आरोप लगाए थे कि उसने अपने प्रसारण से उनकी जिंदगी को खतरे में डाल दिया था जिसमें बताया गया था कि वे कहां छिपे हैं। ‘Radio Europe-1’ का भी कहना है कि आतंकियों की हीरो जैसी छवि को रोकने के लिए वह भी इस बात से सहमत है कि उनका प्रचार न किया जाए।