नई दिल्ली: 2017 के सितंबर की बात है. पीएम मोदी को चीन यात्रा पर जाना था. इससे पहले भूटाने के डोकलाम में भारत ने अपनी सेनाएं तैनात कर दी थीं. चीन और भारत आमने सामने थे. जबरदस्त तनाव चल रहा था और दोनों तरफ से वीर रस में बयानबाज़ी चल रही थी. 5 महीने पहले 70 दिनों तक दोनों देशों की सेनाएं आमने-सामने थी. फिर एक समझौता हुआ. कहा गया कि चीन सेनाएं पीछे हटाने को तैयार हो गया है. इसके बाद भारत पीछे हट गया. चीन ने कहा कि हमने सेनाएं नहीं हटाई हैं और सड़क बनाने का काम लगातार चल रहा है. सवाल ये उठता है कि क्या मोदी की चीन यात्रा के लिए भारत के हितों से समझौता किया गया
अब जो हकीकत सामने आ रही है उससे लगता है कि मोदी सरकार ने यात्रा को सफल बनाने के लिए समझौता किया था और वो जान बूझकर डोकलाम में भूटान का साथ देने की नीति में शिथिल पड़ रहा है. हालात इतने उदासीन हैं कि भारतीय सेनाध्यक्ष ने जब डोकलाम पर बयान दिया तो चीन ने उल्टे उन्हें झिड़क दिया. चीन ने कहा कि आर्मीचीफ को लगता है अपने देश के नेताओं को साथ हुई बातचीत की जानकारी नहीं है.
जो ताज़ा सैटेलाइट तस्वीरें आई हैं वो साफ इस बात की गवाही दे रही हैं. चीन लगातार विवादित इलाके में सैन्य छावनी बना रहा है. सैटेलाइट से प्राप्त तस्वीरों से साफ है कि जिस इलाके पर भूटान अपना दावा करता है, उसी इलाके के अंदर चीन निर्माण कार्य कर रहा है. इसके बावजूद उसकी रक्षा के लिए प्रतिबद्ध भारत चुप हैं. पिछले महीने NDTV ने तस्वीरों के साथ खबर दिखाई थी कि कैसे 10 किलोमीटर के इलाके में फैले डोकलाम इलाके में चीन नई सड़क का निर्माण कर रहा है. नई तस्वीरों में विवादित क्षेत्र में ईस्ट-वेस्ट रोड के किनारे कई सैन्य संरचनाएं दिख रही हैं. पहले तो सड़क बन रही थी अब वहां बाकायदा सैनिक छावनियां बन गई हैं.
इनतस्वीरों में पूरा विवादित डोकलाम इलाका दिखता है. इसमें बायीं तरफ सिक्किम के डोका ला स्थित भारतीय पोस्ट है, जबकि पूर्व की ओर डोकलाम और चीन के बीच स्थित सिंचे ला दर्रा (पास) है. उत्तर की ओर चीन का गैरविवादित इलाका है जिसे चुम्बी वैली के नाम से जाना जाता है.
इस स्लाइड शो में देखें तस्वीरें जो एनडीटीवी ने मुहैया कराई हैं ..
ये सैन्य परिसर उस सड़क की तस्वीर में दिख रहे हैं जिन्हें चीन पिछले कुछ सालों से बना रहा है. यह सिक्किम में भारतीय पोस्ट से करीब 10 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है.
चीन के एक अन्य निर्माण स्थल पर खाइयां देखी जा सकती हैं. सभी स्थानों पर सैन्य संरचनाओं और परिसरों को देखा सकता है. वहां दो हेलीपैड भी (H के निशान के साथ) साफ साफ देखे जा सकते हैं.
हालांकि इन तस्वीरों में तोपें नहीं दिख रहीं, लेकिन ऐसे इलाके भी दिख रहे हैं जहां तोपें लगाई जा सकती हैं. चीन द्वारा इस इलाके में तोपाखाने की गितिविधियों को लेकर भारत हमेशा सावधान रहा है.
सिक्किम के डोकाला स्थिति भारतीय पोस्ट के केवल 81 मीटर की दूरी पर चीनी संरचानाएं मौजूद हैं. डोकलाम में हुए विवाद के कारण चीन दक्षिण में अपनी सड़क का विस्तार नहीं कर सका. लेकिन वह इस इलाके से हटे भी नहीं.
मार्च 2005 से लेकर मई 2011 की गूगल अर्थ की तस्वीरें साफ अंतर दिखाती हैं. पहले की तस्वीर में एक अस्थाई रास्ता दिख रहा है, लेकिन दूसरी तस्वीर यह रास्ता न केवल साफ दिखाई देता है बल्कि पहले से ज्यादा चौड़ा भी दिखता है.
7 अक्टूबर को भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस इलाके में चीनी गतिविधियों के विषय में NDTV और इंडियन एक्सप्रेस द्वारा दिखाई गई खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा था, ‘हमने डोकलाम पर हालिया खबरें देखी हैं. 28 अगस्त को डोकालम विवाद समाप्त होने के बाद से उस जगह या उसके आस-पास कोई भी नया निर्माण नहीं हुआ है. इलाके में यथास्थिति बरकरार है. इस बारे में कोई भी सुझाव गलत है.’
सैटेलाइट तस्वीरें लोगों के लिए उपलब्ध हैं. दिसंबर में ली गई ये तस्वीरें दिखाती हैं कि चीनियों ने इलाके में ढांचागत निर्माण कभी भी नहीं रोका. भारतीय पोस्ट से मात्र 81 मीटर की दूरी पर चीनियों ने समुचित संरचनाएं बना ली हैं.