काबुल: अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में शनिवार को आतंकी हमला हुआ. कार में हुए ब्लास्ट में 95 लोगों की मौत हो गई और 163 जख्मी हो गए. इस हमले की जिम्मेदारी तालिबान ने ली है. बता दें कि इससे पहले 20 जनवरी को यहां एक होटल में तालिबान आतंकियों ने हमला किया था. उस वक्त 22 लोग मारे गए थे.
अफगानिस्तान की हेल्थ मिनिस्ट्री ने शनिवार शाम एक बयान जारी कर कहा- हमले में 95 लोग मारे गए हैं. 163 लोग घायल हैं. ज्यादातर घायलों की हालत गंभीर है. मरने वालों का आंकड़ा बढ़ सकता है.
अधिकारियों के मुताबिक, हमला राजधानी काबुल में होम मिनिस्ट्री की बिल्डिंग के पास यूरोपियन यूनियन और हाई पीस काउंसिल बिल्डिंग के पास हुआ.
हमलावर विस्फोटकों से भरी एक एंबुलेंस में बैठकर आए और पुलिस चेकपॉइन्ट को पार करते हुए एक गली में घुस गए. ब्लास्ट के वक्त उस जगह पर कई लोग मौजूद थे.
हमला अफगानिस्तान के लोकल टाइम के मुताबिक, दोपहर करीब 12:15 बजे हुआ. चश्मदीदों के मुताबिक, उन्होंने जोरदार आवाज सुनी.
सुसाइड बॉम्बिंग में अबतक 95 की मौत हो चुकी है और 163 से ज्यादा लोग घायल हैं. इनमें से ज्यादातर की हालात काफी नाजुक है. अधिकारियों के मुताबिक, मरने वालों की तादाद अभी और बढ़ सकती है.
हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन तालिबान ने ली है. इससे पहले 20 जनवरी को यहां एक होटल में तालिबान आतंकियों ने हमला किया था. उस वक्त 22 लोग मारे गए थे.
घटना के चश्मदीद अफगानिस्तानी सांसद मीरवाइज यसिनी ने बताया कि एम्बुलेंस पुलिस चेकपॉइंट के आगे भीड़ वाले इलाके में जाकर ब्लास्ट हो गई, जिसके बाद सड़कों पर हर तरफ लाशें बिखरी थीं.
न्यूज एजेंसी को दिए बयान में हेल्थ मिनिस्ट्री के डिप्टी स्पोक्सपर्सन नुसरत रहीमी ने कहा, “सुसाइड बॉम्बर ने चेकपॉइंट पार करने के लिए एम्बुलेंस का इस्तेमाल किया. पहला चेकपॉइंट पार करने के लिए उसने एम्बुलेंस से पेशेंट ले जाने की बात कही, लेकिन दूसरे चेकपॉइन्ट पर पहचाने जाने के बाद उसने कार ब्लास्ट कर ली.”
हाई पीस काउंसिल के मेंबर हसीन साफी के मुताबिक, आतंकी ने उनके चेकपॉइन्ट को निशाना बनाया. धमाका इतना तेज था कि बिल्डिंग की सारी खिड़कियां तक टूट गईं.
भारत ने जताया दुख
MEA ने ट्वीट में लिखा, “भारत काबुल में निर्दोष नागरिकों को निशाना बनाकर किए गए आतंकी हमलों की निंदा करता है. 24 जनवरी को भी एक डरपोक हमले में बच्चों और आम नागरिकों को निशाना बनाया गया था. इसके लिए कोई तर्क नहीं दिया जा सकता. दोषियों और उनके समर्थकों को न्याय तक लाना चाहिए.”