नई दिल्ली : दिल्ली में सीलिंग के मुद्दे पर बीजेपी को अरविंद केजरीवाल ने आज तगड़ी राजनीतिक शिकस्त मिली. हुआ ये कि बीजेपी की तरफ से उसके सचिव ने केजरीवाल से सीलिंग पर मिलने का वक्त मांगा. केजरीवाल ने कहा स्वागत है. सुबह दस बजे तय प्रोग्राम के मुताबिक केजरीवाल के घऱ बीजेपी के 5 सांसद और बाकी नेता पहुंच गए. केजरीवाल ने अपने घर पर मीडिया को भी बुला लिया. साथ में दिल्ली के विधायक भी पहुंचे. यहां बैठक के बाद केजरीवाल को एलजी के यहां इन जन प्रतिनिधियों के साथ जाना था. इस जाल मे बीजेपी फंस चुकी थी. अगर बीजेपी विधायक भी एलजी के पास जाकर सीलिंग रोकने को कहते तो सीधा संदेश जाता कि एलजी और केन्द्र सरकार चाहे तो सीलिंग रुक सकती है.
केजरीवाल का ये पैंतरा और भी धारदार हो गया जब बीजेपी नेताओं को इस जाल से निकल भागने का मौका नहीं मिला. केजरीवाल ने मीडिया को बुला लिया था इसलिए वो बातचीत को डिरेल नहीं कर सकते थे. आखिर हंगामा अकेला सहारा था. मनोज तिवारी ने विधायकों को बुलाने पर एतराज किया और वहां से मिले बगैर चले गए. इसके बाद केजरीवाल मीडिया के सामने आए और बोले कि बीजेपी राजनीति कर रही है.
केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार सुप्रीम कोर्ट जाना चाहती है लेकिन नगर निगम सर्वे रिपोर्ट नहीं दे रहा जिसके आधार पर कोर्ट में अपील करनी होगी.
अब जानिए पूरा घटनाक्रम
सोमवार शाम को पहले बीजपी ने मीडिया को न्योता भेजा और कहा कि ’30 जनवरी सुबह 9 बजे दिल्ली बीजपी अध्यक्ष मनोज तिवारी के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमंडल दिल्ली के मुख्यमंत्री के निवास स्थान सिविल लाइन्स पहुंचेगा सीलिंग मुद्दे के समाधान पर चर्चा करने और उनको इस मामले में उनकी जिम्मेदारी का एहसास कराने’ .
इसके कुछ ही देर बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को चिट्ठी लिखी और कहा कि ‘मुझे बीजपी के रविन्द्र गुप्ता ने एक पत्र लिखा है जिसमें लिखा है कि मनोज तिवारी जी के नेतृत्व में दिल्ली बीजपी के सभी सांसद,सभी विधायक, सभी मेयर और महासचिव सीलिंग के मुद्दे पर चर्चा करने सुबह 9 बजे मेरे निवास पर आ रहे हैं. चूंकि ये मामला सीधे सीधे आपके अधिकार क्षेत्र में आता है तो मैं सुबह 9:30 बजे इन सबको और आम आदमी पार्टी के सभी विधायकों और पार्षदों को लेकर आपसे मिलने आता हूं.
यानी बीजपी की कोशिश थी सीएम केजरीवाल से मिलकर सीलिंग मामले में आम आदमी पार्टी पर ज़िम्मेदारी डालना लेकिन केजरीवाल ने सारी जिम्मेदारी उपराज्यपाल पर डाल दी है.
इससे पहले आम आदमी पार्टी के विधायकों ने एलजी अनिल बैजल से मिलने का समय मांगा तो उन्होंने समय नहीं दिया. आप विधायक बिना समय लिए करीब साढ़े तीन बजे एलजी दफ़्तर चले गए. एलजी अनिल बैजल ने प्रेस रिलीस जारी करके कहा कि सभी संभव विकल्पों पर विचार हो रहा है.