भोपाल: किन्नरों को समाज की मुख्यधारा से आज भी अलग-थलग समझा जाता है। वे खुद एक जटिल जीवन जीते हैं। लेकिन इसके बावजूद समाज को नया संदेश देने के लिये उन्होंने एक गरीब बेटी की परवरिश का जो बीड़ा अपने कंधों पर उठाया है। वो पूरी मानवता के लिये एक बड़ा सबक बन गया है।
किन्नरों ने एक बेहद निर्धन परिवार की बेटी को कानूनी तौर पर गोद लेकर अनूठी मिसाल कायम की है। सुनने में ये बात भले ही अजीब लगे। लेकिन ये एक बेहद ही संवेदनशील और भावुक कर देने वाला मामला है। यूं तो बेटियों के सम्मान के लिये सरकारी और सामाजित स्तर पर कई प्रयास जारी रहते हैं। लेकिन मध्य प्रदेश के बैतूल में तंगहाली से जूझ रहे परिवार की बेटी को गोद लेकर किन्नर प्रशंसा के पात्र बन गए हैं। चार साल पहले बैतूल के किन्नरों ने इटारसी में भिक्षावृत्ति करने वाले गरीब परिवार में जन्मी एक बच्ची को तब गोद लिया। जब वह महज पंद्रह दिन की थी। इस बच्ची का नाम खुशी रखा गया था।
तब से आज तक इस बच्ची की खुशी के लिए किन्नर अपनी जान तक देने को तैयार हैं। खुशी को बैतूल शहर के फेमस स्कूल में पढ़ाया जा रहा है। किन्नरों के मुताबिक, बेटी खुशी को पढ़ा-लिखाकर सम्मानजनक जीवन देना उनकी जिंदगी का उद्देश्य बन गया है। शोभा किन्नर ने कहा कि, दूसरे लोग भी बेटियों को लेकर अपनी सोच को बदलें, हम यही चाहते हैं।
जब कई लोग हमारे घर आते हैं। तो किसी राजकुमारी की तरह हो रही खुशी की परवरिश देखकर हैरान रह जाते हैं। पिछले दिनों ही माूसम खुशी का चौथा जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया। जिसमें लगभग चार हजार लोगों को बुलाया गया।उस दौरान बेटी के प्रति किन्नरों का इतना प्यार देखकर हर कोई अवाक रह गया। एक गोद ली हुई बच्ची की ऐसी परवरिश देखकर शहर के लोग किन्नरों की तारीफ करते नहीं थकते।