वो 10 साल पहले जून कीएक शाम थी ेवो गुस्से में घर छोड़ गई थी. सोचा था बाद में घर वाले मना लेंगे और लौट आएगी, उसके बाद उसकी तलाश चलती रही, घर वाले जहां जा सकते थे वहां गए लेकिन 11 साल की बच्ची का कहीं पता नहीं चला. घर वाले जब हार गए तो उन्होंने भारी मन से लड़की का अंतिम संस्कार कर दिया.
जब लड़की 24 जुलाई 2016 को अपने घर लौटी तो उसकी मां को अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हुआ और यह सोच कर बेहोश हो गयी कि उसने भूत देख लिया। लेकिन ये खुशी कुछ ही देर में गम में बदल गई. मां को जब बेटी की 10 साल की आप बीती पता चली तो दिल दहल गया.
2006 के जून माह की एक शाम को 11 साल की उम्र में लड़की ने उत्तर पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास में अपने घर को गुस्से में छोड़ा और अपने अंकल के साथ रहने लगी। उस दिन के बाद से अब तक की अवधि के दौरान उसका अपहरण हुआ, गुलाम बनाया गया, बार-बार दुष्कर्म हुआ, उसके दो बच्चे भी पैदा हुए जिनसे उसे दूर कर अंतत: डांस बार में बेच दिया गया। यानि कुल 10 साल 28 दिनों में उसने नर्क का दर्द भुगता।
माला की मां ने बताया,’मैं खुद को यह बोलकर समझाती थी कि उसका अपहरण कर निठारी में मार दिया गया होगा क्योंकि उस वक्त वहां बच्चों की क्रूर हत्या के बारे में सब बात करते थेI उन्होंने कहा कि बेटी के संबंध में वे पुलिस और तत्कालीन मुख्यमंत्री से भी मिली लेकिन कुछ नहीं हुआ।
इस बीच दर्जी का काम करने वाले उसके पिता भी गुज़र गए। जंतर मंतर पर प्रदर्शन के दौरान लू लगने से 2008 में उनकी मौत हो गयी।
मां और बेटी दस साल पहले जून की उस खौफनाक रात के लिए केवल शोक मना सकते हैं। माला दरवाजा बंद कर बाहर आयी थी तभी उसके पास एक मारुति वैन आकर रुकी और उसमें से दो युवक कूदे। उसके नाक पर एक कपड़ा डाला और वह बेहोश हो गयी इसके बाद वे उसे लेकर चले गए।
जब उसे होश आया तब माला ने खुद को अंबाला के एक बंद कमरे के भीतर पाया जहां और भी लड़कियां थीं। कुछ दिन बाद उसे गुजरात में एक किसान के हाथों बेच दिया गया। वह उसके खेत में काम करती, पंप रूम में सोती जहां उस किसान का बेटा हर दिन उसके साथ रेप की गंदी करतूत को अंजाम देता था। माला ने बताया,’ जब मैं उसे ऐसा करने से रोकती वह मुझे मारता और जला देता था।‘
दो साल तक यातना को झेलने के बाद माला किसी तरह वहां से निकल भागी और कच्छ के कोठारा गांव में पहुंची लेकिन वहां उसे उन्हीं लोगों ने वापिस पकड़ लिया जिन्होंने उसे अगवा किया था। वे उसे वापिस अंबाला ले आए और उसे घर के कामों और सेक्स वर्क में लगा दिया।
2010 में दंपति के एक रिश्तेदार, जरनैल सिंह उसे आजाद कराने का वादा कर भठिंडा ले गया लेकिन यहां उसे उसकी उम्र से 20 साल अधिक उम्र वाले ड्रग के शिकार आदमी के हाथों शादी के लिए बेच दिया। माला ने बताया, ‘मुझे नया नाम दिया गया। मेरा पति मुझे रात में सिगरेट से जला देता था। दो सालों में मैंने दो लड़कों को जन्म दिया।‘ पति की मौत के बाद उसका बहनोई माला के साथ शारीरिक संबंध बनाने की जिद करने लगा पर जब उसने मना किया तब उसे बिना बेटों के घर से निकाल दिया।
आखिरकार उसकी किस्मत ने उसका साथ दिया और वह दिल्ली की एक लड़की से मिली जिसने उसे भठिंडा वापस जाने के लिए एक मोबाइल फोन और कुछ पैसे दिए। लेकिन माला ने अपने घर लौटने का निर्णय लिया।
घर पहुंचने के बाद माला ने कहा,’मुझे नहीं पता कि मुझे न्याय कैसे मिलेगा, लेकिन मैं चाहती हूं कि मेरे बच्चे उस पीड़ा और दर्द से न गुजरे जहां से मैं गुजरी हूं। पुलिस ने कहा कि उसके बयान के आधार पर मामले को दर्ज कर लिया गया है।