नोएडा : यूपी की कानून व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कानून को अपने हाथ में लेने और कत्लेआम मचाने की छूट का नतीजा अब सामने आने लगा है. लोगों को गिरफ्तार करने की जगह उन्हें गोलियां मारने की नीति का खुलासा आज हुआ. हुआ ये कि पुलिस ने आज जिन लोगों को गोली मारी उनके खिलाफ कभी कोई केस नहीं था बस इसी वजह से पुलिस फंस गई. अब पुलिस ने एसआई से हाथ झाड़ लिया है. और कह रही है कि एनकाउंटर के लिए नहीं बल्कि आपसी दुश्मनी में मारी गोली.
अब ताजा मामले में आरोप है कि नोएडा के सेक्टर 122 में एक एएसआइ ने अपने प्रमोशन के लिए एक युवक की गर्दन और दूसरे के पैर में गोली मार दी. जानकारी के मुताबिक, चार दोस्तों के साथ स्कॉर्पियो में बहरामपुर से बहन की सगाई कर लौट रहे जितेंद्र यादव उर्फ डम्बर को सेक्टर 122 स्थित सीएनजी पंप पर कहासुनी के बाद विजय दर्शन नाम के दरोगा ने गोली मार दी. गंभीर रूप से घायल को नोएडा के फोर्टिस अस्पताल में कराया भर्ती कराया गया है, जबकि जितेंद्र यादव के अन्य साथी फरार चल रहे हैं क्योंकि एसआई ने उन्हें एनकाउंटर में मारने की धमकी दी है..
नोएडा के फोर्टिस में में जिंदगी और मौत के बीच जूझ रहे जितेंद्र के परिवार का आरोप है कि रात में फर्जी एनकाउंटर करने की कोशिश थी. बता दें कि जितेंद्र पर्थला गांव में जिम चलाता है. उसका कोई क्रिमिनल रिकॉर्ड नहीं है. गोली गले में लगी है और रीढ़ की हड्डी में अटक गई है. डीआईजी लव कुमार मामले की निष्पक्ष जांच की बात कह रहे हैं.
घरवालों के मुताबिक़ युवक अपनी बहन की सगाई से लौट रहा था पुलिस ने जानबूझ कर व्यक्तिगत कारणों से सीधा गर्दन पर ही गोली चलाई. वहीं एक अन्य युवक परिवार का आरोप है कि पुलिस पर जानबूझकर गोली चलाने का आरोप है.
त्तर प्रदेश की योगी सरकार के 10 महीने के कार्यकाल में अब तक प्रदेश में पुलिस और अपराधियों के बीच 1142 एनकाउंटर हो चुके हैं. 2744 अपराधी गिरफ्तार किए जा चुके हैं, वहीं 34 को पुलिस ने मार गिराया. पश्चिम उत्तर प्रदेश में इस मामले में सबसे आगे रहा. अकेले मेरठ जोन में ही 449 इनकाउंटर हो चुके हैं, इनमें 985 की गिरफ्तारी हुई, जबकि 22 अपराधी मारे गए और 155 घायल हुए. इनमें 128 पुलिसकर्मी घायल भी हुए, जिनमें से 1 शहीद हुआ. उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा जारी जानकारी के अनुसार 20 मार्च 2017 से 31 जनवरी 2018 के बीच उत्तर प्रदेश में कुल 1142 पुलिस एनकाउंटर हुए.
इनमें मेरठ में 449, आगरा में 210, बरेली में 196, कानपुर जोन मे 91, वाराणसी में 73, इलाहाबाद में 54, लखनऊ में 38 और गोरखपुर जोन में 31 इनकाउंटर हुए. इन एनकाउंटर में कुल 247 पुलिसकर्मी घायल हुए जबकि 4 शहीद हो गए. गिरफ्तार कुल 2744 अपराधियों में से 1853 अपराधी पुरस्कार घोषित रहे. इसके अलावा पुलिस ने अब तक कुल 167 के खिलाफ रासुका लगाई, जबकि 169 अपराधियों की 1 अरब 46 करोड़ 79 लाख 49,779 रुपए की संपत्तियां जब्त हुईं.